जानिए कड़वे नीम के औषधीय गुण

शारीरिक जीवन में नीम का उपयोग बड़ी-बड़ी बीमारियों के लिए किया जाता हैं। साइंटिफिक रिसर्च के अनुसार नीम के सेवन से शरीर को आरोग्य बनाया जा सकता हैं। नीम में छिपे हैं आवश्यक बैक्टेरिया तत्व। आचार्य बालकृष्ण शास्त्री ने नीम के गुणों का व्याख्यान किया हैं। नीम में औषधीय एंटी बैक्टेरियल, एंटी फंगल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीवायरल मौजूद हैं। उनका कहना हैं कि नीम की अगूड़ शक्ति से जहरीले सर्प का विष भी कम किया जा सकता हैं। नीम के प्रमुख फायदे- एंटीबैक्टेरियल और पैथोजनिक का बीमारी को कमजोर बनाने में अधिक उपयोग होता हैं। पत्तियों में क्वेरसेटिन, बी- साइटोस्ट्रोल, पॉलीफेनोलिक फ्लोवोनोइड और एंटीबैक्टेरियल एंटीफंगल से संक्रमण रोगों से राहत मिलती हैं। रक्तचाप से छुटकारा पाने के लिए एनसीबीआई नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉरमेशन के शोध में बताया गया कि हाइपरटेंसिव गुण रक्तचाप में नियंत्रण करने में लाभकारी हैं। सांस मे परेशानी में नीम के पत्तों को पीसकर पानी में घोलकर प्रयोग करने से लाभ मिलता हैं। इसमें इंफ्लेमेटरी बैक्टरिया की मात्रा पायी जाती हैं। नीम की छील का पाउडर गर्म पानी से लेने पर गैस्ट्रिक एसिड से छुटकारा पाया जा सकता हैं। डायबिटीज़ में हाइपोग्लाइसेमिक त्तव से ब्लड का सर्कुलेशन ठीक किया जा सकता हैं। कुष्ठ रोग में नीम की पत्ति रामबाण उपाय हैं। मलेरिया का उपचार एंटीमलेरियल एंजाइम से युक्त नीम का सेवन अति लाभकारी हैं। पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए नीम की छाल और पत्ति दोनों लाभदायक हैं। लिवर में नीम का प्रभाव कंपाउंड हेप्टोप्रोटेक्टिव तत्व लिवर में स्फूर्ति लाने में सक्षम हैं। कैंसर में कीमोप्रिवेंटिव, एंटी कैंसर और एंटीट्यूमर गुणों से युक्त नीम आराम दिलाने में सक्षम हैं। नीम को दिनचर्या में शामिल करने से शरीर रोग मुक्त बनाया जा सकता हैं। घाव, मुहांसे, जूं, रूसी और गर्भनिरोधक आदि कई बीमारियों से छुटकारा किया जा सकता हैं। नीम में उपलब्ध पौष्टिक तत्व प्रोटीन, कैल्सियम, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, अमीनो एसिड, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और टैनिक एसिड पाये जाते हैं।
हेल्थ: नीम का अमृतमई गुण, जानिए लाभ और हानि।

शारीरिक जीवन में नीम का उपयोग बड़ी-बड़ी बीमारियों के लिए किया जाता हैं। साइंटिफिक रिसर्च के अनुसार नीम के सेवन से शरीर को आरोग्य बनाया जा सकता हैं। नीम में छिपे हैं आवश्यक बैक्टेरिया तत्व। आचार्य बालकृष्ण शास्त्री ने नीम के गुणों का व्याख्यान किया हैं। नीम में औषधीय एंटी बैक्टेरियल, एंटी फंगल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीवायरल मौजूद हैं। उनका कहना हैं कि नीम की अगूड़ शक्ति से जहरीले सर्प का विष भी कम किया जा सकता हैं। नीम के प्रमुख फायदे- एंटीबैक्टेरियल और पैथोजनिक का बीमारी को कमजोर बनाने में अधिक उपयोग होता हैं। पत्तियों में क्वेरसेटिन, बी- साइटोस्ट्रोल, पॉलीफेनोलिक फ्लोवोनोइड और एंटीबैक्टेरियल एंटीफंगल से संक्रमण रोगों से राहत मिलती हैं। रक्तचाप से छुटकारा पाने के लिए एनसीबीआई नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉरमेशन के शोध में बताया गया कि हाइपरटेंसिव गुण रक्तचाप में नियंत्रण करने में लाभकारी हैं। सांस मे परेशानी में नीम के पत्तों को पीसकर पानी में घोलकर प्रयोग करने से लाभ मिलता हैं। इसमें इंफ्लेमेटरी बैक्टरिया की मात्रा पायी जाती हैं। नीम की छील का पाउडर गर्म पानी से लेने पर गैस्ट्रिक एसिड से छुटकारा पाया जा सकता हैं। डायबिटीज़ में हाइपोग्लाइसेमिक त्तव से ब्लड का सर्कुलेशन ठीक किया जा सकता हैं। कुष्ठ रोग में नीम की पत्ति रामबाण उपाय हैं। मलेरिया का उपचार एंटीमलेरियल एंजाइम से युक्त नीम का सेवन अति लाभकारी हैं। पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए नीम की छाल और पत्ति दोनों लाभदायक हैं। लिवर में नीम का प्रभाव कंपाउंड हेप्टोप्रोटेक्टिव तत्व लिवर में स्फूर्ति लाने में सक्षम हैं। कैंसर में कीमोप्रिवेंटिव, एंटी कैंसर और एंटीट्यूमर गुणों से युक्त नीम आराम दिलाने में सक्षम हैं। नीम को दिनचर्या में शामिल करने से शरीर रोग मुक्त बनाया जा सकता हैं। घाव, मुहांसे, जूं, रूसी और गर्भनिरोधक आदि कई बीमारियों से छुटकारा किया जा सकता हैं। नीम में उपलब्ध पौष्टिक तत्व प्रोटीन, कैल्सियम, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, अमीनो एसिड, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और टैनिक एसिड पाये जाते हैं।

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