चित्रकूट जेल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, पैसे देकर वांटेड अपराधी घूमते थे खुलेआम

चित्रकूट जेल हत्याकांड में जांच एजेंसियों ने कई बड़े खुलासे किए है। इस मामले में जिले के साथ लखनऊ से जांच एजेंसी भेजी गई थी। वहीं जांच के दौरान जेल के अंदर दवा, किराने का सामान, कैंटीन संचालन के लिए जेल प्रशासन और बंदी रक्षकों पर मोटे कमीशन के आरोप लगे हैं। इस हरकत की शिकायत कई बार वरिष्ठ अधिकारियों और सीएम योगी तक भेजी गई। आरोप है कि कुख्यात बदमाश अंशू दीक्षित और मेराज अली से हर माह मोटी रकम लेकर बैरक की जगह अस्पताल में रखा जाता था। साल 2019 से जेलकर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगने शुरू हो गए थे। शिकायतों में यह भी बताया गया था कि बाहर से आने वाले नए बंदियों की कमान काटने के लिए पांच हजार रुपये वसूले जाते हैं। इतना ही नहीं जेल परिसर में अवैध रूप से कैंटीन संचालित कर मनमाने रेट पर सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। दवा के अलावा भोजन सामग्री खरीद में भी मोटा कमीशन अधिकारियों का होता है। प्रयागराज जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया कि शिकायत करने वालों को बयान देने के लिए कई बार पत्राचार कर प्रयागराज बुलाया गया, लेकिन कोई बयान दर्ज कराने नहीं आया। उधर, शिकायतकर्ताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल होने के कारण चित्रकूट में ही आकर बयान दर्ज करने की गुजारिश की गई, लेकिन अधिकारियों ने एक न सुनीं।

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