गौतबुद्धनगर: 1 हजार करोड़ निवेश के साथ पॉवर प्लांट की बड़ी सौगात

नोएडा प्राधिकरण ने एक से बढ़कर एक नई सौगात प्रदान की है। विश्व का सबसे खूबसूरत प्रभाव शील शहर की गरिमा दिलाने में यूपी सरकार का योगदान और प्राधिकरण की कोशिश ने नई ऊर्जा के साथ लाभ के रास्ते खोल दिए हैं। ग्रेटर नोएडा विश्वस्तरीय बनने की राह पर अग्रसर है। अब शहर में होने वाली पॉवर कट की समस्या को दूर करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत अगले दो साल में ग्रेटर नोएडा नो पॉवर कट जोन बन जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेन्द्र भूषण ने नोएडा पॉवर कंपनी लिमिडेट और उत्तर प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ मिलकर एक खाका खींचा है। इसके मुताबिक शहर में एक हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। इससे 400, 220 और 132 केवी के दो-दो विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किए जाएंगे। अगले एक से दो साल में ये कार्य करने लगेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि अमरपुर और मेट्रो डिपो के पास 400-400 केवी के एक-एक विद्युत उपकेन्द्र स्थापित होंगे। इन योजना के तहत ग्रेनो वेस्ट को भी ध्यान में रखते हुए तैयारी की गई है। ग्रेनो वेस्ट के जलपुरा और नॉलेज पार्क-5 में 220 केवी के दो सब-स्टेशन बनेंगे। औद्योगिक सेक्टर इकोटेक-8 व 10 में 132 केवी के दो विद्युत उपकेन्द्र स्थापित होंगे। 132 केवी के उपकेन्द्रों एक साल में बन कर तैयार हो जाएंगे। जबकि, 220 केवी के सबस्टेशन 18 महीने में कार्य करने लगेंगे। 400 केवी सबस्टेशन को 30 माह में तैयार कर लिया जाएगा। जलपुरा, नॉलेज पार्क-5, इकोटेक-8 इकोटेक-10 स्थित सबस्टेशन को मेट्रो डिपो के विद्युत उपकेन्द्र से जोड़ा जाएगा। जानकारों का मानना है कि सभी विद्युत उपकेन्द्र बनने के बाद शहर में अगले दस साल तक बिजली की किल्लत नहीं होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने योजना में उद्योगों का भी ख्याल रखा है। उसके मुताबिक ही इसकी ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बताते चलें कि शहर में कई डाटा सेंटर स्थापित होने हैं। ओप्पो, वीवो समेत कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी उत्पादन शुरू करेंगी। कई मल्टीनेशनल कंपनियों के ऑफिस खुलने की तैयारी चल रही है। इन सबको देखते हुए प्राधिकरण ने पूरी तैयारी की है। अथॉरिटी की तरफ से कहा गया है कि आवासीय और औद्योगिक दोनों इलाकों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जाएगी। योजना के मुताबिक नोएडा के सेक्टर-123 स्थित 400 केवी के सबस्टेशन से ग्रेटर नोएडा को 100 मेगावॉट बिजली मिलेगी। इस पर करीब 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। एनपीसीएल के अफसरों ने बताया कि इसी महीने 10 मार्च तक इसकी अनुमति मिलने की आशा है। मंजूरी मिलने के बाद लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। इसे अगले तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में पिछले साल बिजली की खपत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया था। गत वर्ष खपत 435 मेगावॉट बिजली प्रति दिन रही। इस बार उपभोग 500 मेगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि नोएडा से 100 मेगावॉट बिजली मिलने के बाद एनपीसीएल के पास 550 मेगावॉट पॉवर हो जाएगी। इस वजह से इन गर्मियों में शहर में बिजली की कटौती नहीं होगी। प्राधिकरण की अहम भूमिका से आज खूबसूरती का आगाज देखने को मिला।

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