गंभीर तनाव कहीं एंजाइटी तो नहीं

आज के समय में हर व्यक्ति विभिन्न प्रकार की चिंताओं से घिरा हुआ है। ज़िंदगी के अलग-अलग पड़ावों में व्यक्ति काम, परिवार और समाज में अपनी जगह को लेकर चिंतित है।

कुछ हद तक चिंतित होना स्वभाविक है, पर अगर आपका उस एंजाइटी पर नियंत्रण नहीं है तो यह पैनिक डिसऑर्डर हो सकता है। आपको आपके एंजाइटी के स्वरूप के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि पैनिक डिसऑर्डर कई तरह का हो सकता है।

1. फोबिया
अपने दैनिक जीवन में हर व्यक्ति किसी न किसी बात से डरता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को किसी खास तरह का डर मन में इस हद्द तक समा जाए, जिससे उसका दैनिक जीवन प्रभावित हो, उसे फोबिया डिसऑर्डर कहते है।

2. सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर- जब कोई व्यक्ति सामाजिक स्थितियों में खुद को अपमानित या शर्मिंदा महसूस करता है तो वह सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर कहलाता है। यह अमूमन किशोरावस्था में देखा जाता है। इससे हमारी सोशल और प्रोफेशनल ज़िंदगी पर प्रभाव पड़ता है और हम खुदको बेहद असहाय महसूस करते हैं।

3. जनरलाइजड एंजाइटी डिसऑर्डर- जब कोई व्यक्ति धन, स्वास्थ्य, परिवार या काम जैसी रोजमर्रा कि चीज़ों में भय महसूस करता हैं तब वह जनरलाइज्ड एंजाइटी डिसऑर्डर कहलाता है। इसमें आप खुद को को बेचैन, थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करते है।

एंग्जाइटी डिसआर्डर का उपचार करने के लिए दवाइयों के अतिरिक्त भी कई तरीके अपनाए जाते हैं।

थेरेपी- थेरेपी में व्यक्ति को उसकी स्थिति समझने और उससे बाहर निकलने के रास्तों के बारे में बताया जाता है। यह थेरेपी डर, तनाव व चिंता को दूर करने का एक कारगर उपाय है।

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