अगर आप साइनस से परेशान हैं तो ये 3 योग आसन आपको राहत दें सकते हैं

साइनस

आजकल भागती-दौड़ती दुनिया में बिगड़े लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों की वजह से लोग अक्सर कई सारी बीमारियों से घिरे रहते हैं। ऐसे में ही एक बीमारी है साइनस। साइनस होने पर लोगों में सिरदर्द, सांस लेने में काफी दिक्कत होती है और नाक में खुजली जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। साइनस एक तरह की सांस की बीमारी या इंफेक्शन से होने वाली बीमारी कहा जाता है। दरअसल,ये नाक की एक गंभीर बीमारी है। जिसमें नाक की हड्डी बढ़कर तिरछी हो जाती है। जिससे सांस लेने में दिक्कतें होने लगती है। वहीं साइनस से पीड़ित व्यक्ति को ठंडी हवा, धूल और धुएं के संपर्क में आने से परेशानी बढ़ जाती है।


बता दें यह श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्या है। सिर के खोपड़ी की हड्डियों में कई सारे बारीक छिद्र होते हैं। जिनके द्वारा ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचता है और सिर हलका महसूस होने लगता है। वहीं सर्दी-जुकाम होने पर इन छिद्रों में कफ भर जाता है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में काफी परेशानी होती है। बता दें इसी समस्या को साइनोसाइटिस कहा जाता है।

1)उष्ट्रासन:
यह सांस लेने की प्रक्रिया को सुधारती है। इसके साथ ही साथ ये आसन गले और सीने में भी खिंचाव पैदा करता है। उष्ट्रासन का अभ्यास नसल एयरवेज यानी वायु मार्ग में आई रुकावट को कम करने में काफी मदद करता है।

2)भुजंगासन:
भुजंगासन करने में रोजाना अभ्यास से फेफड़ों और श्वसन तंत्र के दूसरे अंगों का विस्तार होता है। इससे साइनस में बलगम जमने की समस्या कम हो जाती है जोकि साइनस में एक बहुत बड़ी राहत है।

3)गौमुखासन:
गौमुखासन के अभ्यास से सीने की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है। उसके बाद सांस लेने का रास्ता खुलता है। इसके अलावा चिंता या थकान में भी ये आसन फायदेमंद है।

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