जानिए क्या है पापमोचनी एकादशी का महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हर माह में 2 एकादशियां होती हैं अर्थात वर्ष के 365 दिनों में मात्र 24 बार ही नियमपूर्वक एकादशी व्रत रखना होता है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी की पूजा और व्रत करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। हिंदी पंचांग के अनुसार 7 अप्रैल 2021 बुधवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि पापमोचनी एकादशी की पूजा और व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत करने के 26 फायदे होते हैं। व्यक्ति निरोगी रहता है, राक्षस, भूत-पिशाच आदि योनि से छुटकारा मिलता है, पापों का नाश होता है, संकटों से मुक्ति मिलती है, सर्वकार्य सिद्ध होते हैं, सौभाग्य प्राप्त होता है, मोक्ष मिलता है, विवाह बाधा समाप्त होती है, धन और समृद्धि आती है, शांति मिलती है, मोह-माया और बंधनों से मुक्ति मिलती है, हर प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं, खुशियां मिलती हैं, सिद्धि प्राप्त होती है, उपद्रव शांत होते हैं, दरिद्रता दूर होती है, खोया हुआ सबकुछ फिर से प्राप्त हो जाता है, पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है, भाग्य जाग्रत होता है, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, पुत्र प्राप्ति होती है, शत्रुओं का नाश होता है, सभी रोगों का नाश होता है, कीर्ति और प्रसिद्धि प्राप्त होती है, वाजपेय और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है और हर कार्य में सफलता मिलती है।