कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए देश की निर्णायक लड़ाई, दिसंबर तक मिल सकती हैं 8 वैक्सीन्स की 30 करोड़ डोज
भारत में वायरस के दूसरे चरण ने मौत का खौफ फैला दिया है। आज जगह-जगह लाशों के ढेर और चीखते चिल्लाते परिवार नजर आ रहे हैं। हजारों परिवार इस संक्रमण की वजह से उजड़ चुके है। कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही इस लड़ाई में अब 8 वैक्सीन शामिल कर ली गई है।
सरकार का दावा है कि बहुत जल्द 2 अरब से अधिक वैक्सीन की खुराक उपलब्ध हो जाएगी। भारत इस साल दिसंबर तक देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में करीब 2 अरब से अधिक वैक्सीन की खुराकें उपलब्ध होने की उम्मीद कर रहा है। भले ही अभी दो वैक्सीन से टीकारण अभियान चल रहा है, मगर सीरम की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के अलावा आने वाले कुछ समय में और भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी, जिस पर फिलहाल काम चल रहा है। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा है कि सरकार ने 8 वैक्सीन की संभावित लिस्ट पेश की है, जिसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी भी शामिल हैं और इनसे ही देश में टीकाकरण किया जाएगा। इन तीन वैक्सीन के अलावा जिन पांच वैक्सीन्स के तैयार होने की उम्मीद है, उनमें से चार वैक्सीन मेड इन इंडिया है। बता दें कि बायोलॉजिकल ई सबयूनिट वैक्सीन को दो चरणों के ट्रायल में सुरक्षित देखा गया है। केंद्र को अगस्त से दिसंबर के बीच इस टीके की 30 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद है। उसके बाद जायडस कैडिला डीएनए वैक्सीन का जल्द लाइसेंस तैयार किया जाएगा। यह तीन खुराकों वाली वैक्सीन है और इसे इंजेक्शन फ्री तकनीक से दिया जाएगा। सरकार को दिसंबर तक जायडस कैडिला वैक्सीन की 5 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद है। कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ही इस वैक्सीन का भारत में उत्पादन करेगी। इस वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने विकसित किया है। भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन एक डोज वाली होगी। इसे भारत बायोटेक तैयार कर रहा है। इस वैक्सीन की पहले और दूसरे चरण का ट्रायल हो रहा है। वीके पॉल ने कहा कि कंपनी ने काम करना शुरू कर दिया है और डेटा भी कंपनी से आया है।
जेनोवा एमआरएनए वैक्सीन जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स कंपनी के द्वारा तैयार की जा रही है। वी के पॉल के मुताबिक, अगस्त से दिसम्बर तक टीके की 216 करोड़ खुराक का उत्पादन होने का अनुमान है, जिसमें से कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक जबकि कोवैक्सीन की 55 करोड़ खुराक शामिल होगी। आपको बताते चलें कि फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से टीकों की खरीद पर पॉल ने कहा कि सरकार जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के माध्यम से इन कंपनियों के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा, ”हमने औपचारिक रूप से पूछा कि वे भारत में खुराक भेजना चाहेंगे या भारत में निर्माण करेंगे, हम साझेदार खोजेंगे। उन्होंने कहा कि वे तिमाही 3 में टीके की उपलब्धता के बारे में बात करेंगे।