अंकित तिवारी : राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस ने यशवंत सिन्हा के नाम को घोषित कर दिया है। कांग्रेस के मुताबिक पार्टी ने बहुत अच्छी एक रणनीति बनाई थी लेकिन कांग्रेस को दूसरे दलों का समर्थन नहीं मिलने के कारण उसकी रणनीति धरी की धरी रह गई। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के साथ हुई बैठक में सभी दलों ने कहा था कि इस बार का राष्ट्रपति उम्मीदवार भारत के पूर्वोत्तर से होना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने इस पर अमल करते हुए पूर्वी क्षेत्र से झारखंड की द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया। भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार को 17 विपक्षी दलों का साथ है।
कांग्रेस गठबंधन ने अपना उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को घोषित किया है। यशवंत मूल रूप से बिहार के निवासी हैं, लेकिन उनका कर्म भूमि झारखंड है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी जाने जाते हैं यशवंत को ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का ओहदा दिया था। इससे कांग्रेस ने बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल को एक साथ साधने का प्लान बनाया था, लेकिन भाजपा के द्रौपदी मुर्मू वाले मास्टरमाइंड स्ट्रोक के कारण उनका प्लान फेल होता हुआ दिख रहा है। अब कांग्रेसी फिर से नए सिरे से राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने में जुटा है। राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से प्रत्याशी बनाए गए यशवंत सिन्हा शनिवार से रविवार के बीच पटना आने की संभावना है। बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता राजेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस का सिन्हा को पूरा समर्थन है। उनका पटना आने पर कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगे और उन्हें सदाकत आश्रम में आमंत्रित भी करेंगे हो सकता है कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने की कोशिश करें। अजीत शर्मा ने कहा कि इस समय बिहार कांग्रेस के सभी बड़े नेता फिलहाल अभी दिल्ली में है।