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इजराइल हमास युद्ध के बीच दो धड़ों में बट रही दुनिया, दूसरी तरफ अमेरिका बदल रहा अपना बार-बार रुख

लवी फंसवाल। इजराइल और हमास के बीच हिंसक लड़ाई जारी है। 7 सितंबर से चल रहे इस युद्ध ने दुनिया को भी दो हिस्सों में बांट दिया है। एक तरफ यूरोपीय देश खुलकर इजराइल का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं, दूसरी तरफ यूरोपीय देश फिलिस्तीन के लोगों पर हो रहे हमले की निंदा कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इजराइल पहुंचे। इसके बाद ब्रिटिश के राष्ट्रपति ऋषि सुनक भी अपना समर्थन जताने के लिए इजराइल पहुंचे।
इन सभी के बीच अमेरिका के बदलते बयानों की भी खूब चर्चा हो रही है। एक तरफ वह शुरू से ही इजराइल का समर्थन कर रहा है। दूसरी तरफ वह कहता है कि युद्ध के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। एक तरफ अमेरिका संयुक्त राष्ट्र संघ में ब्राजील के प्रस्ताव पर वीटो लगा देता है। फिर वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडन गाजा की मदद के लिए एलान कर देते हैं। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं, आखिर अमेरिका का रुख क्या है? क्या अमेरिका सच में अपना रुख बार-बार बदल रहा है?
सात अक्तूबर से शुरू हुए युद्ध के कुछ दिनों बाद शांति वार्ता होने की उम्मीदें जगीं। हालांकि, 17 अक्तूबर को गाजा के अस्पताल में हुए रॉकेट हमलों ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत का दावा किया गया। इसी हमले की वजह से 18 अक्तूबर को जॉर्डन में होने वाला शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शामिल होने वाले थे। हमास-इस्राइल लड़ाई की शुरुआत में अमेरिका का रुख पूरी तरह इस्राइल के पक्ष में दिखा। हालांकि, संघर्ष के बीच इसने इस्राइल को फलस्तीन पर कब्जा न करने की चेतावनी दी।

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