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आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

(Rajtilak sharma)

ग्रेटर नोएडा:-अनुसंधान का बहु-विषयक दृष्टिकोण केवल टीम-वर्क और सहयोग के बारे में नहीं है, बल्कि यह उसी आइडिया को रिप्रेजेंट करता है, जिसका उद्देश्य मुद्दों को अधिक व्यापक तरीके से समझना और इनोवेशन को आसान करना है। यह बातें नॉलेज पार्क स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान चीफ गेस्ट रहे गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ दिनेश कुमार ने मुख्य विषय मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च एण्ड इन्नोवेशन के संबोधन के दौरान बोली। दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत बुधवार को कॉलेज परिसर में हुई। इस दौरान गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में जीबीयू में यूएसआईसीटी के डीन डॉ. संजय कुमार शर्मा व एमेरिटस के प्रोफेसर डॉ. आलोक प्रसाद मित्तल ने भी भाग लिया।

सभी अतिथियों का स्वागत कॉलेज समूह के ग्रुप डॉयरेक्टर डॉ. के के पालीवाल और आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डॉयरेक्टर डॉ. एसएस त्यागी ने किया।

कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली, राजस्थान, पंजाब हरियाणा, उत्तर प्रदेश इंग्लैंड, बुल्गारिया, मलेशिया, लंदन, नेपाल, फिलीपींस, अमेरिका, और जर्मनी से 300 से अधिक शोध पत्र आए जिसमें से 104 शोध पत्र पेश किए गए। विदेश से छात्र और शिक्षक ऑनलाइन मोड के रूप में जुड़े। छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. आलोक प्रसाद मित्तल ने कहा कि आज और कल के छात्रों के लिए उन्हें अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी पर नवाचार करने की आवश्यकता है और संभावित निहितार्थों, संभावित नुकसानों, नीतिगत आवश्यकताओं, असमानता आदि के बारे में भी सोचना है। वहीं इस मौके डॉ. संजय कुमार शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने अधिक अंतःविषय शिक्षा की नींव रखी है। वास्तव में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) 2022 के दिशानिर्देशों ने उच्च शिक्षा संस्थानों के परिवर्तन के बारे में बात की, जहां छात्र कई विषयों को सीख सकते हैं और उन्हें वास्तविक दुनिया के साथ व्यावहारिक रूप से जोड़ सकते हैं। सम्मेलन में डॉ. एसएस त्यागी ने बहु-विषयक अनुसंधान के महत्व और दायरे पर जोर देते हुए कहा कि भारत में राष्ट्रीय शैक्षिक नीति (एनईपी-2020) के कार्यान्वयन के साथ ज्ञान लोकाचार का हिस्सा बन गया है। उन्होंने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित किया। इस मौके पर कॉलेज समूह के एडवाइजर डॉ एम के सोनी, डॉ तारक नाथ प्रसाद, डॉ. पूनम पांडेय, प्रोफेसर  उमेश कुमार, डॉ. एपी सिंह, प्रोफेसर सत्यवीर सिंह, कनवेनर प्रोफेसर नवीन राठी, सहित कॉलेज के सभी प्रोफेसर और छात्र उपस्थित रहें।

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