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शब्दों का खेल अनमोल, मिश्री सा मीठा बोल, काव्य पाठ में  आईएमटी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट के छात्रों ने किया बढ़-चढ़कर प्रदर्शन

लवी फंसवाल। आईएमटी ग्रुप का कॉलेज के मैनेजमेंट डिपार्मेंट में मंगलवार को काव्यपाठ का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई जिसमें डिपार्टमेंट के डीन डॉ राज मिश्रा द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर की गई। दीप प्रज्वलित में डॉ राज मिश्रा के साथ डिपार्टमेंट के दूसरे प्रोफेसर भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉक्टर राजीव रंजन और डॉक्टर ममता पाठक रहे।

काव्यपाठ की शुरुआत में कार्यक्रम के कंडक्टर रोशन पांडे और जिज्ञासा ने सबसे पहले डॉ राज मिश्रा को छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए मंच पर बुलाया। डॉ राज मिश्रा ने मंच पर आने के बाद अपने भाषण की शुरुआत में सभी को धन्यवाद दिया और भाषण की शुरुआत करते हुए कहा हम कविता द्वारा अपने विचारों को प्रकट करते हैं। हम जो भी लिखते हैं उसे सबसे पहले महसूस करते हैं क्योंकि कविता में हमने जो भी लिखा है उसे कहीं ना कहीं देखा और सुना होता है। यदि हम अपने महसूस किए हुए विचारों को लिखते हैं और उसे कई कविता में  संग्रहित करते हैं। वह हमारे अंदर एक आकर्षित कला को दर्शाता है। इसके बाद मंच पर कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर राजीव रंजन को बुलाया गया, जिसके बाद उन्होंने मंच पर आकर काव्य पाठ में सम्मिलित होने के लिए सभी फैकल्टी और स्टूडेंट को धन्यवाद दिया। उन्होंने अपनी भाषण की शुरुआत में कहा कि साहित्य सृजन की दो विधाएं हैं एक गद्य और एक पद्य। सृजन एक महत्वपूर्ण शब्द है। उन्होंने अपने भाषण में साहित्य की एक सुंदर व्याख्या की। उन्होंने कहा, आजकल के छात्रों में अलंकारिकता को बढ़ावा देने के लिए काव्य पाठ जैसे आयोजन का होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कविता लिखने वाला एक शिल्पकार होता है। इसके बाद काव्य कविता पाठ शुरू हुआ। जिसमें कुनाल, प्रिंसी, रोशन, रोशनी, दिव्यांश, आदि बच्चों ने अपनी कविता के माध्यम से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम में मौजूद फैकल्टी में डॉ अन्वेषण सिंह, दिवाकर दुबे, डॉ संध्या शर्मा, आदि रहे। आखिर में दीपक झा ने ‘वोट आफ थैंक्स’ के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

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