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याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सहमति मिलने पर बोले ठाकरे; चुनाव आयोग के पास नाम बदलने का अधिकार नहीं

लवी फंसवाल। शिवसेना के नाम और चिन्ह को लेकर हो रही लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट के पाले तक पहुँच चुकी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी है। इसी बीच महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर हमला साधा है। राज्य के विदर्भ क्षेत्र दौरे के दौरान ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग के पास पार्टी का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वह इसे किसी को चुराने नहीं देंगे।

शिवसेना पार्टी और उसका चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करने के लिए मंजूरी दे दी है। सीबीआई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगा। वही उद्धव ठाकरे की याचिका पर चुनाव आयोग का फैसला रद्द करने की मांग की गई है। याचिका पर की सुनवाई पर शीर्ष कोर्ट की सहमति के बाद उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग किसी पार्टी को चुनाव चिन्ह आवंटित कर सकता है। लेकिन, उसके पास किसी भी पार्टी का नाम बदलने की शक्ति नहीं है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, कि ‘शिवसेना’ पार्टी का नाम उनके दादा केशव ठाकरे ने दिया था, इसलिए वह इसे किसी को चुराने नहीं देंगे। उन्होंने इस दौरान अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से मुकाबला करने के लिए कुछ विपक्षी दलों के एक साथ आने की कोशिश करने के सवाल पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘मैं इसे विपक्षी दलों की एकता नहीं कहूंगा, बल्कि हम सभी की एकता कहेंगे। हम देश भक्त हैं इसलिए लोकतंत्र को बचाने की खातिर ऐसा कर रहे हैं’। फिलहाल 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। जिसके बाद अंदाजा लग पाएगा कि नाम और चुनाव चिन्ह किसके पास रहेगा।

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