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इराक में श्रीलंका जैसे हालात, संसद भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा

प्रदर्शनकारियों का कब्जा

प्रदर्शनकारियों का कब्जा

अंकित कुमार तिवारी। आर्थिक संकट से गुजर रहे हमारे पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के बाद अब इराक में भी श्रीलंका जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इराक की जनता ने बगापत शुरू कर दी है। यहां के कई शहरों में जबर्दस्त विद्रोह देखा जा सकता है। इराक की राजधानी बगदाद में पीएम पद के दावेदार मोहम्मद अल सुदानी के नामांकन करने के विरोध में कई हजार इराकियों ने संसद भवन पर कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि विद्रोह करने वाले मुक्तदा अल-सदर के समर्थक है। स्थानीय समाचार एजेंसी शफाक ने बताया है कि लोगों ने प्रदर्शन करने के साथ इराक की राजधानी बगदाद में संसद भवन के अंदर जमकर उत्पाद मचाया और तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारी अपने हाथों में शिया नेता अल-सदर की तस्वीर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। देश में हो रहे भ्रष्टाचार औप कुशासन को लोगों ने मुद्दा बनाया हुआ है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में हुए शुरुआती संसदीय चुनावों के 9 महीने बाद इराक राजनीतिक संकट से बाहर नहीं निकल पा रहा है। इससे यहां अभूतपूर्व विरोध देखने को मिल रहा है। समाचार एजेंसी अल जजीरा के मुताबिक, संसद भवन में प्रदर्शनकारियों को गाते और नाचते हुए देखा गया है। एक शख्स को इराकी संसद के अध्यक्ष की मेज पर लेटा हुआ देखा गया। प्रदर्शनकारी जब संसद भवन में घुसे तो कोई सांसद मौजूद नहीं था। हालांकि, संसद में सुरक्षाबल मौजूद थे, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका।
विरोध राजधानी के सेंटर तहरीर (लिबरेशन) स्क्वायर से दोपहर में शुरू हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने इराकी झंडे और मुक्तदा अल-सदर की तस्वीरें उठाईं। फिर वे अल-जुम्हुरिया पुल से ग्रीन जो के द्वार तक गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री पद के लिए अल-सुदानी की उम्मीदवारी की निंदा करने वाले नारों वाले बैनर लिए थे। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने प्रदर्शनकारियों को चेताया है कि तुरंत ग्रीन जोन से बाहर निकल जाएं। जानकारी के मुताबिक पीएम की चेतावनी का असर देखने को भी मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन से बाहर निकलान शुरू कर दिया है। इससे पहले पुलिस ने लोगों को तितर-वितर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया था, लेकिन बहुत से लोग संसद भवन में घुस गए। बता दें कि ग्रीन जोन में सरकारी भवन और राजनयिक मिशनों के घर हैं। पीएम ने एक बयान में कहा कि राज्य संस्थानों और विदेशी मिशनों की सुरक्षा और सुरक्षा-व्यवस्था में किसी भी तरह के नुकसान पर प्रदर्शनकारियों से निपटा जाएगा।

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