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कृषि कानून वापस लेने पर बोले राकेश टिकैत, कानूनों को संसद में रद्द होने तक आंदोलन नहीं होगा बंद

कृषि कानून

कृषि कानून

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार नेक नियत और समर्पण भाव से देश के किसानों के कल्याण के लिए यह कानून लेकर आई थी, लेकिन देश के कुछ किसान भाईयों को सरकार यह समझा नहीं पाई।

उन्होंने कहा कि भले ही किसानों का एक वर्ग ही इन कानूनों को विरोध कर रहा था लेकिन यह सरकार के लिए महत्वपूर्ण था इसलिए सरकार ने इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों से नई शुरुआत करने और अपने-अपने घर, अपने खेत और अपने परिवार के बीच लौटने का आग्रह करते हुए वादा किया कि उनकी सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देगी।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्विटर अपना पुराना वीडियो साझा किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान जो भी कर रहे हैं उसपर मुझे पूरा गर्व है। मैं किसानों का पूरी तरह से समर्थन करता हूं और उनके साथ खड़ा रहूंगा। मैंने पंजाब यात्रा के दौरान किसानों के मुद्दे को उठाया था। आगे उन्होंने कहा कि आप मेरे शब्द लिखकर रख लीजिए।

सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर बाध्य होगी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसी वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान। इसी के साथ ही शिवसेना सेना के सांसद संजय राउत ने राकेश टिकैत से कहा है कि उन्हें पीएम मोदी की बात पर भरोसा करना चाहिए।

उन्होंने कहा है कि किसान इस देश का अन्नदाता है। आप उनके साथ इस तरह से बर्ताव नहीं कर सकते हैं। राऊत ने आगे कहा है कि विपक्षी दलों की इस मुद्दे पर जो एकता रही है, वह आने वाले दिनों में गुल खिलाएगी। लखीमपुर खीरी में कुचल दिया गया और हरियाणा में गोली चलाई गई। लेकिन किसान डटे रहे और अब सरकार को पीछे हटना पड़ा है।

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