शुक्रवार रात से ही अचानक मौसम बदल गया। इस दौरान रुक-रुक कर बारिश का दौर शुरू हुआ जो अभी भी चल रहा है। बारिश होने से किसानों अपनी फसल को लेकर चिंता सताने लगी है। इलाके में धान की फसल पूरी तरह से पक गई है और किसान उसको काटने के लिए चिंतित है। लगातार हो रही बारिश ने फसल को काफी नुकसान पहुंचा दिया है। अस्तौली गांव के किसान उमेश भाटी का कहना है कि इस बार धान की फसल अच्छी थी लेकिन बारिश ने हमारे अरमानों पर पानी फैर दिया। अगर इसी तरह से बारिश होती रही तो किसानों का तो मनोबल ही टूट जाएगा, क्योंकि उनकी रही सही उम्मीद भी खत्म हो जाएगी। तेज बारिश के कारण किसानों को फसलों में और नुकसान झेलना पड़ा है। पूर्व में भी अतिवृष्टि के चलते पैदावार पर असर पड़ गया था। कटने के समय बारिश आने से किसानों की रही सही उम्मीदों पर भी पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। क्षेत्र के किसान अतिवृष्टि के कारण फिर बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं। रात दिन मेहनत और गाढी कमाई लगाने के बाद किसानों को उम्मीद थी कि बढ़िया बारिश होने से खेत सोना उगलेंगे लेकिन प्राकृतिक आपदा के चलते खेतों में पानी भरने से उड़द की फसलों में नुकसान अधिक हुआ है। पिछले तीन-चार सालों से लगातार किसान दोहरी मार झेल रहा है। इस वर्ष रबी की फसल की एकदम से गर्मी पड़ने के कारण पैदावार कम हो गई थी जहां गेहूं की पैदावार कम हुई वहीं लहसुन के भाव ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी। भाव कम होने के कारण किसान लहसुन को बेच भी नहीं सका और घरों पर ही लहसुन सड़ने लग गया है। किसान अभी तक लहसुन की फसल के नुकसान से भी नहीं उभर पाया था कि तेज बारिश व नदियों में आए उफान के कारण खेत लबालब हो गए जिसके चलते खेतों में पानी भर गया था। उसके बाद अब कीचड़ ही कीचड़ खेतों में नजर आ रहा है, जिससे फसल खराब होने लगी है।