क्रांतिकारियों की याद

क्रांतिकारियों की याद
लवी फंसवाल। यह दिन याद दिलाता है,
उन क्रांतिकारियों की याद
जो भारत मां की सेवा में,
हो गए आबाद।
चढ़ते हुए फांसी पर,
न कंपन था आवाज में
वो भगत सिंह राजगुरु और
सुखदेव हुए इस काल में।
यह गोरे खड़े रह गये,
सपनों की उस आश में
शायद बदल जाएंगे,
यह अपने कर्तव्य मार्ग से।
पर हिला न सका उन्हें
कोई उनके ईमान से
हंसते-हंसते फांसी चढ़ गए
वो वीर बड़े बलवान थे ।