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आइए बताते हैं ज्यादातर महिलाओं में क्यों होता है ब्रेन फॉग

महिलाओं में ब्रेन फॉग

महिलाओं में ब्रेन फॉग


ऋतुराज: ब्रेन फॉग एक बेहद खतरनाक बीमारी हैं जो पीरियड बंद होने के दौरान 60 प्रतिसत महिलाओं में होता है। जिसके कारण मानसिक बीमारियों का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। वहीं इनमें से कई महिलाओं में डिमेन्शिया का भी खतरा होता है। ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक मेनोपॉज के समय महिलाओं में सोचने,समझने,तर्क देने और भूलने जैसी समस्या पैदा हो जाती है।
बता दें कि मेनोपॉज का सामान्य अर्थ पीरियड का रूकना होता है। जो ज्यादातर 45 से 50 की उम्र के बीच की महिलाओं में पाया जाता है। वहीं मेनोपॉज के बाद प्रजननन की भी प्रकिया रूक जाती है। जबकि इस समय मादा हार्मोन धीरे-धीरे घटते जाते हैं। जिसकी वजह से महिलाओं में मानसिक परिवर्तन आते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, 60 प्रतिशत महिलाएं मेनोपॉज के समय मेमोरी से जुड़ी समस्याओं का सामना करती है। इनमें से जहां कुछ में सिर्फ भूलने की समस्या होती है, तो वहीं कुछ गंभीर बीमारियों जैसे अल्जाइमर की चपेट में आ जाती हैं। इससे ना केवल उनका जीवन कठिन होता है, बल्कि उनके काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। दरअसल, ब्रेन पॉग शब्द का इस्तेमाल महिलाओं में होने वाले मानसिक परिवर्तनों के लिए होता है। माना जा रहा है कि शोधकर्ताओं के अनुसार, मेनोपॉज सीधे-सीधे दिमाग पर असर नहीं करता है। इसके लक्षण में नींद ना आना और चिंता होना, दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इससे महिलाओं में तनाव और चिंता होना शुरू हो जाती है।
गौरतलब, विशेषज्ञ के अनुसार, अल्जाइमर डिमेन्शिया का सबसे सामान्य रूप है। जो महिलाएं मेनोपॉज के लिए सर्जरी का रास्ता चुनती हैं, उन्हें यह बीमारी सबसे ज्यादा परेशान करती है। इसके अलावा कुछ लोगों में यह बीमारी आनुवांशिक भी होती है।

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