बलात्कार और हत्या के केस में गुरमीत राम रहीम बरी, हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला किया रद्द

राजतिलक शर्मा

(ग्रेटर नोएडा) अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या में मामले में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए बरी कर दिया है। गुरमीत राम रहीम के साथ अन्य चार लोगों को भी बरी कर दिया गया है।

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के 2021 के फैसले को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया है।

बता दें कि राम रहीम ने अपनी सजा को लेकर हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। जिसका मंगलवार को फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।

बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड के खुलासे ने उस समय सभी को हैरान कर दिया था। हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी डेरे का प्रबंधक था। आज से 22 साल पहले यानी 10 जुलाई 2002 को गोली मार कर हत्या कर दी थी।

उस दौरान एक गुमनाम साध्वी ने देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई को चिट्ठी लिखी जिसमें राम रहीम के डेरे की जांच करने की बात कही गई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि यह गुमनाम चिट्ठी रणजीत सिंह ने अपनी बहन से लिखवाई थी।

यह वहीं चिट्ठी थी जिसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’ में छाप दिया था। इसके बाद 24 अक्टूबर 2002 को गोलियों छलनी कर दिया था। जिसकी बाद में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में 21 नवंबर 2002 को मौत हो गई।

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