लवी फंसवाल। गुजरात के जूनागढ़ में नगर निगम ने एक दरगाह को हटाने का नोटिस दिया तो पथराव और आगजनी हो गयी। 500-600 लोगों की जमा हुई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस घटना में एक डिएसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस के अनुसार एक व्यक्ति की मौत भी हुई। सीसीटीवी फुटेज़ से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
आपको बतादें कि गुजरात के जूनागढ़ में शुक्रवार की रात को जब अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत एक दरगाह हटाने का जब नोटिस आया तो बवाल मच गया। 500 से 600 लोग मजार के सामने इकट्ठा हो गये, और नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद भीड़ ने पुलिसकर्मियों की टीम पर पथराव किया, जिसमें डिप्टी सीएम समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस को इस छिड़ी हिंसा पर काबू पाने के लिये लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा और टीयर गैस छोड़नी पड़ी। पुलिस के अनुसार इस घटना में प्रथम द्रष्टया के चलते एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है, लेकिन मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के जरिये ही पता चलेगी। जिन लोगों ने हिंसा की और चार पुलिसकर्मियों को घायल किया, उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, हालात पर काबू है और आला पुलिसकर्मी पूरे जूनागढ़ में तैनात हैं। जूनागढ़ के एसपी रवि तेजा वासमसेट्टी ने बताया, कि जूनागढ़ में मेजबानी गेट के पास एक दरगाह है। उस दरगाह को कॉरपरेशन विभाग ने पांच दिन पहले नोटिस जारी किया था कि, किसी के पास इसका क्लेम है तो कॉरपोरेशन में पेश करें। उन्होनें दरगाह की वैधता पर कागज जमा करने के निर्देश दिये थे। इस नोटिश पर नाराजगी जताते हुये, शुक्रवार की रात को 500-600 लोगों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की। उपद्रवियों ने कई वाहनों को भी जला डाला। पुलिस के मुताबिक मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। फिलहाल, घटना की जांच में कड़ी बरती जा रही है।