अच्छे स्वास्थ्य जीवन के लिए प्रकृति को भी जानना जरूरीः आचार्य पवन नंदन जी महाराज

राजतिलक शर्मा

(ग्रेटर नोएडा) दुनिया में ऐसे बहुत कम आयुर्वेद केंद्र हैं जहां व्यक्ति को उसकी प्रकृति के अनुसार जीवन यापन के नियम बताये जा रहे हों। जबकि यह वैश्विक आवश्यकता है। सौभाग्य की बात है कि नोएडा में भारतीय धरोहर के द्वारा देश का पहला प्रकृति परीक्षण और परामर्श का केंद्र चल रहा है। जहाँ केंद्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान द्वारा विकसित किये गये प्रकृति परीक्षण पोर्टल पर प्रशिक्षित वैद्यों के द्वारा परामर्श का कार्य किया जाता है।

 यह विचार रविवार को भारतीय धरोहर विचार मंडल ग्रेटर नोएडा के द्वारा आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के समापन के ठीक पहले भारतीय धरोहर के महामंत्री विजय शंकर तिवारी ने व्यक्त किये।

भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध की पराजय के बाद उसके पुत्र सहदेव को ही राजा बनाया। जरासंध वध प्रसंग का विस्तार से वर्णन करते हुये आचार्य पवन नंदन जी ने बताया कि पांडवों ने पितरों की तृप्ति के लिये राजसूय यज्ञ का आयोजन किया था। राजसूय यज्ञ में भोजन की व्यवस्था भीम को सौंपी। आचार्य जी ने बताया कि अपने किसी भी पारिवारिक आयोजन में भोजन की व्यवस्था किसी खाने पीने के शौकीन को देनी चाहिये। इस मौके पर  मुख्य यजमान नरेश गुप्ता और दैनिक यजमान संजय सूदन, आनंद भाटी, नितिन अग्रवाल, देवी शरण शर्मा और देवाशीष गौड़ सहित अनेक श्रद्धालुओं ने प्रवचन सुने।  

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