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आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

राजतिलक शर्मा। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट में इंडस्ट्री 5.0 एन इंपैक्ट ऑन सोशियो इकोनामिक सस्टेनएबिलिटी -2023 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस में चीफ गेस्ट के रूप में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने भाग लिया। अतिथियों का स्वागत कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल और आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के डॉयरेक्टर अभिन्न बख्सी भटनागर ने किया। इस मौके पर मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने चंद्रयान-3 का जिक्र करते हुए कहा कि असफलता ही सफलता की कुंजी है। पिछली बार चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर उतारने में हमें नाकामयाबी मिली। पीएम मोदी की दृढ इच्छाशक्ति ने हमारे देश के वैज्ञानिकों को हौसला दिया और मिशन को फिर से शुरू करने करने को कहा। उसी इच्छा शक्ति के कारण इतिहास लिखा गया वह भी फेल होने के बाद। योगेंद्र उपाध्याय ने आगे बताया कि पहले की सरकार किसी भी मिशन को फेल होने पर उसे बंद कर देती थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन मानवता के लिए है और उनके नेतृत्व में भारत बदल रहा है। इसी के साथ ही योगेंद्र उपाध्याय ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा में संस्कार को जोड़ा जाए। अगर किसी बच्चे को उपहार ने दे तो बच्चा कुछ समय के लिए रोएगा लेकिन अगर शिक्षक अपने छात्र को संस्कार नहीं देता है तो छात्र पूरी जिंदगी रोएगा। वहीं इस मौके पर गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि आज का भारत फेलियर नहीं है आज हम कोई भी रिस्क लेने से नहीं घबराते हैं। हमारे देश के नौजवान हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं। अब पूरा विश्व भारत की तरफ आशा की निगाह से देख रहा है। दूसरी तरफ कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर शिक्षक को भी अपडेट होने की जरूरत होती है। आज का समय बहुत तेजी के साथ बदल रहा है शिक्षा के क्षेत्र में हर दिन कुछ न कुछ नया हो रहा है। एक शिक्षक को चाहिए कि समय-समय पर कुछ नया सीखे जिससे की छात्रों नवीन जानकारी दे सकें। इस मौके पर कॉलेज समूह के सभी डॉयरेक्टर, डीन, एचओडी, फैक्लटी सहित विदेशों से आए अनेक छात्रों ने कॉन्फ्रेंस में भाग लिया।

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