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आईआईएमटी कॉलेज ऑफ फार्मेंसी में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन

Rajtilak Sharma

(ग्रेटर नोएडा) शहर के नॉलेज पार्क स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ फार्मेंसी में सेकंड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन कटिंग ईडीजीई टेक्नोलॉजीज (आईसीसीईटी-2024) को लेकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शनिवार को समापन हो गया। जिसमें रिसेंट एडवांसमेंट इन कटिंग ईडीजीई टेक्नोलॉजी इन साइंटिफिक इन्नोवेशन एंड स्किल डेवलपमेंट ऑफ़ स्टूडेंट एंड स्कॉलर्स  विषय को लेकर चर्चा की गई। समापन समारोह के दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. आलोक कुटेटा (पूर्व रजिस्ट्रार राजस्थान फार्मेसी काउंसिल), डॉ. कल्पना चौधरी (सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश), डॉ. भानु प्रताप सिंह (निदेशक आईईसी कॉलेज ऑफ फार्मेसी), डॉ. अमित अग्रवाल ( हेड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग) डॉ तनवीर नावेद (डीन, स्कूल ऑफ एलाइड एंड हेल्थ साइंसेज एमिटी, डॉ. अमित मित्तल (डीन आर एंड डी, एलपीयू पंजाब), डॉ. राजेश सचदेवा (प्रोफेसर, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी), डॉ. बिमलेश कुमार (प्रोफेसर) लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का स्वागत कॉलेज समूह के निदेशक केके पालीवाल और कॉलेज ऑफ फार्मेंसी के डॉयेक्टर डॉ. नकुल गुप्ता ने फूलों का गुलदस्ता देकर किया। कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों ने अपने विचार छात्रों के समक्ष रखे। डॉ. आलोक कुटेटा छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी डॉक्टर मरीज को यह गारंटी नहीं दे सकता कि वह चमात्कारी रूप से आपको ठीक कर देगा। यह मरीज का डॉक्टर के प्रति विश्वास होता है जिसको बनाए रखने के लिए पूरी ताकत लगा देता है।

वहीं  डॉ. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि इस पेशे में बहुत चुनौतियां हैं। अगर कोई डाक्टर या अस्पताल गलत कर रहा है तो उसके खिलाफ सबूत लोगों तक पहुंचाए। अस्पतालों में तोड़फोड़ या डॉक्टर पर हमला न करें। इस तरह के काम  से आप खुद को मुश्किल में डालते हैं। दूसरी तरफ  कॉलेज ऑफ फार्मेंसी के डॉयेक्टर डॉ. नकुल गुप्ता ने कहा कि एक अच्छा डॉक्टर मानवता के दर्द को समझ सकता है। एक अच्छा डॉक्टर वह है जो बगैर समय देखे और अपने कामों की परवाह किए बगैर मरीज की सेवा करता है। पूरी दुनिया ने कोरोना काल के दौरान डॉक्टरों और फार्मेंसी से जुड़े लोगों की भूमिका और उनके महत्व को जाना। वहीं कार्यक्रम में देश-विदेश को सेकड़ों शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। साथ ही दूसरे दिन करीब 200 शोधपत्र और पोस्टर प्रस्तुत किए। साथ ही कॉन्फ्रेंस के दौरान छात्रों ने एक दूसरे के साथ अपने विचार भी साझा किए। इस मौके पर पुष्पेद्र जैन, सुधीर अरोड़ा, डॉ. दीपक काजला, खुशबू गुप्ता, अंकिता त्रिपाठी, भारती चौहान, प्रिया पांडेय सहित अनेक छात्र मौजूद रहे।

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