भारत के उज्ज्वल भविष्य और करोड़ों भारतीयों की नई उम्मीद नया संसद भवन

लवी फंसवाल। नई संसद भवन का श्रीगणेश मंगलवार को हो चुका है। जब नए संसद भवन में विधायकी कामकाज शुरू हुआ, इस दौरान देश का नया संसदीय इतिहास जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतीत की कड़वाहटों को भुलाकर नए अध्यायों की शुरुआत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, किसी भी राष्ट्र की विकास यात्रा में एक समय ऐसा भी आता है, जब इतिहास रचा जाता है। आज का समय भी कुछ ऐसा ही है। नया संसद भवन 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने कहा, हम नए संसद भवन में जो कुछ भी करने जा रहे हैं। वह भारत के हर नागरिक के लिए प्रेरणादायक होना चाहिए। सदस्यों की बर्ताव से यह तय होगा कि भविष्य में सत्ता पक्ष में बैठेंगे या विपक्ष में। उन्होंने आगे कहा कि जनकल्याण के लक्ष्य के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में मर्यादा को नहीं भूलना है। यह सदन राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को के निजी फायदाओं के लिए नहीं, बल्कि भारत के उज्जवल भविष्य और राष्ट्र कल्याण के लिए बना है। पीएम मोदी ने नए संसद भवन को अमृत काल का प्रतीक बताते हुए, कोरोना महामारी के दौरान भी उसके निर्माण में झूठे श्रमिकों की मेहनत को याद कर उनकी जज्बे को सलाम किया। उन्होंने कहा, लगभग 30 हज़ार से अधिक मजदूरों ने नए संसद भवन के निर्माण में कार्य किया। नये संसद भवन में लगे सैंगोल का जिक्र करते हुए कहा कि यह पारंपरिक धरोहर के प्रतिरूप है। जिसको प्रथम प्रधानमंत्री ने भी छुआ है।