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विपक्षी एकता कितना मजबूत, कितना कमजोर!

दीपक झा। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं। केंद्र की स्ताधारी पार्टी बीजेपी को हराने के लिए सभी एक जुट होने पटना में जुट रहे है। 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता के लिए बैठक में लगभग में सभी विपक्ष की पार्टियां सामिल होंगी। इसको लेकर जनता के जहन में भी कई सवाल हैं। जैसे विपक्ष एक हो पाएगा, अगर हुए तो पीएम का चेहरा कोन होगा, नीतीश या राहुल या कोई ओर, क्या आप और कांग्रेस एक साथ आएंगे? यह सवाल वाजिब भी है, आखिर क्यों और कैसे तो आइए जानते हैं,

हाल ही में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने विपक्षी एकता से पहले एक शर्त रख दी है। दरअसल, आप ने कहा पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस उसके खिलाफ न लड़े, साइड हट जाए। जिस पर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी, और प्रेस कांफ्रेंस कर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कजेरीवाल पर गरजे। कांग्रेस ने कहा, हम लोकतंत्र को बचाने के लिए चुनाव लड़ते हैं। सत्ता के लिए नहीं। जो यहां आप लड़े, वहां हम लड़े, ऐसा कोई समझौता हम करने के विचार में भी नहीं है। ऐसा बयान सामने आ रहा है। जब विपक्ष 23 जून को पटना में अपनी ताकत बीजेपी को दिखाना चाहती है। आपको बता दे तो केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल पूरे विपक्ष से समर्थन जुटाने में लगे हुए थे। सभी विपक्षी मुख्यमंत्री से मिलने, राज्य दर राज्य जाकर विपक्षी की पार्टियो से राज्यसभा में इसके खिलाफ वोट करने, और इस बिल को किसी भी हाल में पास न होने देने की अपील कर समर्थन जुटा रहे थे। लेकिन उसी बीच जब केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा। लेकिन कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीट कर कहा, पहले राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, इन सब पर आप ने जितने भी आरोप लगाए, उसके लिए माफी मांगे। अगर ऐसे करते हैं, तो हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होगी। लोगो के जहन में अब सवाल है की आखिर पीएम चेहरा कोन होगा? सवाल इसलिए है, क्योंकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम की रेस में, आप नेता केजरीवाल रेस में, बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इससे अछूते नहीं है, तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी लाइन में हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी जो विपक्ष में अपने आप को सबसे बड़ी पार्टी मानती है, तो किया कांग्रेस इन सब चेहरों को स्वीकार करेगी और कांग्रेस के फायर ब्रांड और भारत जोड़ो यात्रा के मुख्य चेहरा राहुल गांधी को किनारा कर देगी। यह सब सवाल है, जो 23 जून को होने वाली बैठक के बाद ही इसका जवाब मिल पाएगा।

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