लवी फंसवाल। नया संसद भवन तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन भी कर चुके हैं। लेकिन हर दिन किसी न किसी प्रकार का बवाल शुरू हो जाता है। संसद भवन के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी को लेकर बवाल मचा था। लेकिन उद्घाटन होने के बाद अब एक नया बवाल शुरू हो गया है। इस नए बवाल का कारण है- लोकसभा की सीटें।
बतादें, कि नए संसद भवन को लेकर नई बहस शुरू गई है। बहस में लोकसभा सीटों को लेकर बवाल मचा है। दरअसल, इस समय लोकसभा सीटों की संख्या 545 है। सीटों की गिनी हुई संख्या 1971 की जनगणना के आधार पर तय की गई है। संभावना है, कि सीटों की संख्या 2026 तक इतनी ही रहेगी। लेकिन इसके बाद बढ़ सकती है। इसी कारण से नई संसद भवन में लोकसभा चेंबर में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था पूर्ण तय की गई है। लेकिन अब सीटों को लेकर बवाल शुरू हो गया है, क्योंकि सीटों की संख्या 2026 की आबादी के अनुसार बढ़ेगी। इसको लेकर दक्षिण बनाम उत्तर भारत में जंग शुरू हो गई है। लोकसभा सीटों की संख्या को आबादी के आधार पर बढ़ाने को लेकर दक्षिणी राज्यों ने आपत्ति जताई है। वहीं तेलंगाना के मंत्री और भारत राष्ट्र समिति के नेता के केटी रामाराव का कहना है, कि ‘अगर आबादी के हिसाब से लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाता है, तो यह दक्षिणी राज्यों के साथ घोर नाइंसाफी होगी’।