ध्रुवी गुप्ता ने 10वीं कक्षा में पढ़ने के साथ हासिल की बड़ी उपलब्धि

ध्रुवी गुप्ता
गाजियाबाद की बेटी ने पर्यावरण सरंक्षण को कायम रखने के लिए हर्वल पेपर ब्रश तैयार किया है। जिससे सफर में दांत साफ करना बेहद आसान होता है। इसके अलावा जल संरक्षण करेगा और पर्यावरण के लिए मित्र भी होगा। इसके लिए न अधिक पानी की जरूरत होगी और न ही हाथ में ब्रश लेकर खड़ा होना पड़ेगा। इससे मसूड़े भी स्वस्थ रहेंगे। इस हर्बल पेपर ब्रश को अंगुली में पहनकर एक बूंद पानी की मदद से दांत साफ किए जा सकेंगे। इस पेपर ब्रश को जेब में आसानी से रखा जा सकता है। इसकी कीमत 50 पैसे के आस-पास पड़ेगी। इस कारनामे को दिखाने वाली बेटी गाजियाबाद की निवासी है, मासूमियत में बड़ा कारनाम दिखाने वाली बेटी ध्रुवी गुप्ता कक्षा 10वीं की छात्रा है। उसकी पढ़ाई एमिटी स्कूल, वसुंधरा, गाजियाबाद में संपन्न हुई। ध्रुवी के इस उपलब्धि पर नवोन्मेष को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, दिल्ली से द्वितीय और भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान लखनऊ द्वारा प्रथम पुरस्कार भी मिल चुका है। भारत सरकार ने इस पेपर ब्रश को बाजार में उतारने की अनुमति दे दी है। बेटी के मुताबिक, सातवीं कक्षा के बाद से कुछ नया करने का जुनून सवार हो गया था। पेपर ब्रश का रुझान ट्रेन यात्रा के दरमयान सामने आया। एक बार ट्रेन में एक व्यक्ति के कपड़ों पर पेस्ट गिर गया, उसके कपड़े खराब हो गए। उस घटना के बाद से अंदर एक जुनून उबाल मारने लगा कि क्यों न ऐसा टूथब्रश बनाया जाए जिसको कपड़े में रखने से कुछ न बिगड़े। उसी सपने को साकार करने के लिए बेटी ने कठिन परिश्रम किया और सच कर दिखाया। इस सपने को साकार करने के लिए 3 साल से अधिक का समय लगा। इसकी विशेषता बेहद लाभदायक है। इसका कोई साइडफेक्ट नहीं होगा। इसके उपयोग से आपके मसूड़े स्वास्थ्य रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक, हर्बल पेपर ब्रश को बनाने के लिए आइसिंग शुगर, नमक, बेकिंग सोडा, पेपरमिंट आयल, दालचीनी और लौंग से एक पेस्ट तैयार किया। इस पेस्ट को ब्रश से बटर पेपर पर लगाया और सुखाया। सूखे पेपर पर एक तरफ छोटे-छोटे छेद किए गए हैं, जिससे पेपर खुरदुरा हो और दांत अच्छे से साफ हों। पेपर पर लगी सूखी सामग्री पानी की बूंद पड़ते ही पेस्ट में बदल जाती है। इसके साथ पेपरमिंट औऱ तुलसी व अन्य फ्लेवर के पेपर ब्रश बनाने की दिशा में अब ध्रुवी गुप्ता काम कर रही हैं।