गोरखनाथ मंदिर के हमलावर को फांसी की सजा

गोरखनाथ मंदिर के हमलावर को फांसी की सजा
अनुराग दुबे। पिछले साल अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने के आरोप में पकड़े गए दोषी अहमद मुर्तजा अब्बासी को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 121 के अंतर्गत फांसी की सजा सुनाई है। साथ हीं पुलिस के उपर जानलेवा हमला करने के आरोप में उम्रकैद की सजा को सुनाया गया। अहमद मुर्तजा अब्बासी ने आईआईटी बॉम्बे से पढाई की है। हमले के बाद इसकी जांच में पता चला की यह आईएसआईस से जुडा है। इसके तार अलकायदा और भी बड़े-बड़े आतंकी से जुड़ा हुआ है। इसके साथ हीं वह आतंकी संगठनों को फंडिंग भी करता है। ISIS के गुर्गों से इसका सीधा कनेक्शन है। आरोपी ने तीन अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर के एक नंबर गेट से बांके के साथ परिसर में घुसने की कोशिश की थी। रोकने पर पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान को घायल कर उसका सरकारी असलहा भी छीनने का प्रयास किया था। अन्य सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकड़ने की कोशिश किए जाने पर उसने बांके से हमला कर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारे भी लगाए। इस पूरे मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई। जांच में यह पता चला की मुर्तजा वारदात के बाद सीरिया जाने के फिराक में था और तमाम बड़े आतंकी संगठनों के सरदारों की भडंकाऊ साहित्य को भी पढ़ा करता था।
इन मामलों में हुई सजा-
एसआईटी की विशेष कोर्ट ने आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को देश के खिलाफ युद्ध करने के आरोप में मृत्युदंड और 10 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई।
धारा 307 के तहत जानलेवा हमले के मामले में आजीवन कारावास और पांच हजार का जुर्माना।
153 क आईपीसी में धर्म व भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाने, अमन चैन बिगाड़ने के आरोप में 5 वर्ष का कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माना।
186 आईपीसी के तहत लोकसेवक के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छापूर्वक बाधा डालने में तीन माह का कारावास।
332 आईपीसी में किसी लोकसेवक को उसके कर्तव्यों को करने से रोकने, भयभीत करने व नुकसान या चोट पहुंचाने के आरोप में तीन साल की कैद।
333 आईपीसी में ड्यूटी पर तैनात लोकसेवक के जीवन को संकट में डालने के लिए गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में तीन साल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना।
394 आईपीसी में लूट करने या लूट करने के प्रयास में किसी को चोट पहुंचाने के आरोप में 10 साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना।