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चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ झटका, कई प्रत्याशियों ने छोड़ा कांग्रेस का दामन

कांग्रेस

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नवांशहर के विधायक अंगद सिंह को इस बार कांग्रेस टिकट देने के मूड में नहीं है। हाल में ही अंगद सिंह की उत्तर प्रदेश के रायबरेली सदर से विधायक पत्नी अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गई थीं। भाजपा द्वारा उन्हें रायबरेली सदर से प्रत्याशी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने स्टैंड लिया है कि वो अदिति के पति अंगद सिंह को नवांशहर से टिकट लेने नहीं देंगी।

कांग्रेस की ओर से कुछ दिन पहले पहली लिस्ट में प्रदेश से 86 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई थी। इस लिस्ट में उम्मीद थी कि अंगद सिंह को टिकट मिल जाएगा, पर पहली सूची में उनका नाम नहीं आया। इससे अंगद के समर्थक निराश हैं। कहा जा रहा कि अंगद को टिकट देने में प्रियंका गांधी रोड़ा बनी हुई हैं। वहीं, कांग्रेस के कई नेता इसी परिवार को टिकट दिलवाना चाहते हैं, क्योंकि अंगद सिंह का परिवार पिछले कई दशकों से नवांशहर से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। परिवार के कई सदस्य विधायक रह चुके हैं। अंगद सिंह के दादा स्वर्गीय दिलबाग सिंह प्रदेश में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। इस कारण पार्टी शायद अंगद सिंह का मां गुरइकबाल कौर को टिकट दे दे। इसके लिए प्रदेश स्तरीय कई नेता जोर लगा रहे हैं।

विधायक अंगद सिंह का परिवार राजनीति से लंबे समय से जुड़ा रहा है। अंगद के पिता प्रकाश सिंह के अंकल दिलबाग सिंह वर्ष 1962 में पहली बार नवांशहर के विधायक बने थे। वे लगातार छह बार नवांशहर के विधायक रहे। उनके बाद वर्ष 1997 में दिलबाग सिंह के बेटे चरणजीत सिंह विधायक बने। वर्ष 2002 में अंगद के पिता प्रकाश सिंह नवांशहर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2012 में अंगद सिंह की माता गुरइकबाल कौर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

अंगद सिंह को 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से टिकट मिला। अपने पहले ही चुनाव में वह जीतकर विधानसभा पहुंचे। इससे पहले वर्ष 2008 में वह नवांशहर यूथ कांग्रेस के महासचिव भी चुने गए थे। विधायक अंगद सिंह शिमला के बिशप काटन स्कूल और मोहाली के यादविंदरा पब्लिक स्कूल में पढ़े हैं।24 नवंबर 2021 को भाजपा में शामिल होने के बाद बुधवार को कांग्रेस विधायक अंगद सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने कांग्रेस से अपने सभी नाते तोड़ते हुए विधायक पद से भी त्याग पत्र दे दिया था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अदिति ने निकटतम प्रतिद्वंदी को करीब 90 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया था। इनके विधायक बनने के बाद 20 अगस्त 2019 को इनके पिता अखिलेश सिंह का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद अदिति की सक्रियता और बढ़ गई है। अंगद व अदिति की शादी दिल्ली में 21 नवंबर को हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुई थी। इसके बाद दोबारा शादी सिख रीति-रिवाजों के साथ नवांशहर के गांव सलोह में स्थित उनकी कोठी में हुई।

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