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पराली-भूसे से बनाया जा रहा है बायोमास ब्रिकेट, संचालक ने कहा – देश को  प्रदूषण मुक्त करने का बनाया है लक्ष्य



(ग्रेटर नोएडा) हापुड़ में स्थित एक कारखाने में बायोमास ब्रिकेट का निर्माण किया गया हैा यह एक ऐसा ईंधन है, जिसे कचरे से बनाया जाता है। यह कचरा खेतों में बचे हुए धान या गेहूं के भूसे, लकड़ी के टुकड़ों, या सूखे पत्तों जैसे जैविक पदार्थों से बनता है। इसे छोटे गोल या आयताकार टुकड़ों में दबाकर तैयार किया जाता है। हम इस ईंधन को चूल्हे, भट्टी या बॉयलर में जलाकर ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

फैक्टरी के संचालक का कहना है कि प्लांट में बायोमास ब्रिकेट बनाया जायेगा । जिस से किसानों को पराली से सम्बंधित कोई परेशानी नहीं होगी। किसान यहां पर अपनी पराली लेकर आएं, ताकि पराली से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके ।

फैक्टरी के संचालक वैभव गर्ग का कहना है कि प्लांट में बायोमास ब्रिकेट का उत्पादन किया जा रहा है हमारा उद्देश्य है कि अपने देश अपने राष्ट्र को प्रदूषण से मुक्त बनाना हैं  उत्तर भारत में पराली जलाना एक बहुत बड़ा मुद्दा है उसके कारण हमारा आधा पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। इस समस्या से निकलने के लिये हमने एक ऐसा समाधान निकाला हैं। जिसमे  हम किसानों से पराली खरीदेंगे और बायोमास ब्रिकेट का उत्पादन करेंगे जिनका उपयोग उद्योगों द्वारा किया जाएगा…….. मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वह हमारे पास पराली को लाएं ताकि पर्यावरण को पराली से होने वाले नुकसान से सुरक्षित किया जा सके ।

 दिल्ली में हर साल परली के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्याएं बढ़ती हैं हर बार इसके निदान के लिए तमाम कोशिश की जाती है जिससे प्रदूषण कम किया जा सके लेकिन कोशिश  सफल नहीं हो पाती क्योंकि प्रदूषण एक ऐसी गंभीर समस्या है जिससे इसका निदान कर पाना मुश्किल होता जा रहा है ।  बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में 13 दिनों में 2762 कहां पर धूल रोधी अभियान चलाया गया। जिससे  प्रदूषण फैलाने वाली जगह पर करीब 17.40 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है साथ ही साथ में 76 जगह पर काम कर रही संस्थानों  को नोटिस भी दिया गया है।

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