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विपक्ष एकता से पहले ही नीतीश को बड़ा झटका जीतनराम मांझी के बेटे ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

काजोल चौहान। आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता की मशाल थामे, बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार को मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे ने बड़ा झटका दिया। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया है। संतोष मांझी SC, ST कल्याण मंत्री थे। उन्होंने अपना इस्तीफा वरिष्ठ सहयोगी विजय कुमार चौधरी को सौंपा है। चौधरी संसदीय कार्य मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि मांझी पिछले कुछ दिनों से लोकसभा चुनाव के लिए 5 सीटे मांग रहे थे, और इसके लिए महागठबंधन के सहयोगी दलों पर प्रेशर बना रहे थे। जानकारी के मुताबिक 2019 के आम चुनाव में महागठबंधन ने मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 3 सीटे (नालंदा गया और औरंगाबाद )दी थी। तीनों सीटों पर उनके प्रत्याशियों की पराजय हुई थी। जीतनराम मांझी खुद गया की सुरक्षित सीट से जेडीयू उम्मीदवार से करीब 1.5 लाख वोटों के अंतर से हार गए थे। इस बार महागठबंधन की स्थिति 2019 के मुताबिक मजबूत है। 2019 में मांझी ने 3 सीटों समेत 5 सीटों की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक नीतीश ने इसके लिए मांझी के सामने अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में करने का विकल्प सौंपा था, जिसे मांझी ने मानने से इंकार कर दिया। इसी मुद्दे को सुलझाने के लिए नीतीश ने विजय कुमार चौधरी को काम पर लगाया था। इस्तीफा देने के बाद संतोष मांझी ने कहा,” कि उनकी पार्टी ने अभी महागठबंधन नहीं तोड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप भी लगाया, कि वह उनकी पार्टी खत्म करना चाहते हैं। इसीलिए अस्तित्व बचाने की लड़ाई में मंत्रिमंडल से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। मांझी दलित समुदाय के हैं और वह गया के रहने वाले हैं। बिहार में मुसहर समुदाय की आबादी करीब 5 फ़ीसदी है। यह मांझी का बड़ा वोट बैंक है, इसके अलावा भी कई अन्य अनुसूचित जिलों का भी झुकाव जीतनराम मांझी के तरफ रहा है। जब मांझी ने अप्रैल में, दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। तभी से उन पर नाराजगी की अटकले लगाई जा रही थी। हालांकि मांझी ने कहा था, कि वह एनडीए गठबंधन में शामिल होने पर चर्चा करने नहीं बल्कि, दशरथ मांझी को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के मुद्दे पर शाह से चर्चा करने आए थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी मांझी ने आखिरी वक्त में राजद गठबंधन को छोड़कर एनडीए गठबंधन में जुड़ गए थे। 23 जून को पटना में विपक्षी दलों का महाजूटान होने वाला है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल ममता बनर्जी एम के स्टालिन, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे समेत करीब 19 दलों के नेता शामिल होने वाले हैं, और पीएम मोदी और बीजेपी को हराने के लिए 2024 की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे। अब देखना बहुत दिलचस्प होगा कि आखिर यह विपक्षी एकता कितना कारीगर होता है, जाहिर सी बात है, जीतन राम मांझी के जाने से दलित वोट बैंक प्रभावित होंगे और 2024 के मद्देनजर ये बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी पर बीजेपी ने नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताया और दलित से भेदभाव करने का आरोप लगाया।

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