एलोवेरा एक अमृत, कई बीमारियां को देता है मात

हर्षि चरक से लेकर महर्षि पतंजलि ने एलोवेरा के औषधीय गुणों का बखान किया है। यह एक औषधीय पौधा है। इसे लोग घीकवार, घृतकुमारी के नाम से भी जानते हैं। एलोवेरा चेहरे के लिए अमृत है। इसके जूस का नियमित सेवन करने से शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी दूर हो जाती है। इसके सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी कभी पास नहीं आती है। शरीर में रोग निवारक क्षमता बढ़ जाती है।

नजले खांसी में लाभकारी –

नजले-खांसी में एलोवेरा बहुत ही कारगर दवा है। पीड़ित को एलोवेरा के पत्ते को भूनकर रस निकाल लें और आधा चम्मच जूस गर्म पानी के साथ लेने से खांसी में बहुत आराम मिलता है।

जलने और कटने में मिलता है आराम-

आग से जलने या चोट लगे स्थान में एलोवेरा के पत्ते को छीलकर लगाने से आराम मिलता है। जले हुए स्थान में एलोवीरा का जूस लगाने से कभी भी छाले नहीं पड़ते हैं। दिन में तीन से चार बार जलन वाले स्थान में लगाने से जलन खत्म हो जाती है। साथ ही जलने का दाग भी नहीं पड़ता है।

बालों के लिए वरदान –

एलोवेरा बालों के लिए वरदान है। एलोवेरा का रस बच्चों से लेकर बुजर्ग लोग भी कर सकते हैं। इसका कोई नुकसान नहीं है। इसका रस बालों की जड़ों में लगाने से बाल काले घने और मुलायम हो जाते हैं।

जलने और कटने में मिलता है आराम-

आग से जलने या चोट लगे स्थान में एलोवेरा के पत्ते को छीलकर लगाने से आराम मिलता है। जले हुए स्थान में एलोवीरा का जूस लगाने से कभी भी छाले नहीं पड़ते हैं। दिन में तीन से चार बार जलन वाले स्थान में लगाने से जलन खत्म हो जाती है। साथ ही जलने का दाग भी नहीं पड़ता है।

बालों के लिए वरदान –

एलोवेरा बालों के लिए वरदान है। एलोवेरा का रस बच्चों से लेकर बुजर्ग लोग भी कर सकते हैं। इसका कोई नुकसान नहीं है। इसका रस बालों की जड़ों में लगाने से बाल काले घने और मुलायम हो जाते हैं।

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