चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ चंद्रयान-3 भारत ने रचा इतिहास

दीपक झा। भारत का मिशन मून चंद्रयान-3 जोकि चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर चुका है। 23 अगस्त यह एक ऐसा दिन है, जो पूरी दुनिया को याद रहने वाला है। चंद्रयान 3 की लैंडिंग को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई थी। सभी देशों ने इसके लिए शुभकामनाएं दी। नासा ने भी इसके लिए शुभकामनाएं दी। 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सका। सभी देशवासियों की दिल की धड़कनें उस वक्त अटकी हुई थी। जब 6:03 मिनट हुए। लेकिन वह दिन, वह समय, वह घड़ी आखिरकार आ ही गई, जब भारत इतिहास के पन्नों से चंद्रमा की उस डार्क साइड को निकालकर, दुनिया के सामने रखेगा और अपनी ताकत का एहसास करवाएगा।
चंद्रयान 3 अंतरिक्ष में पहले 40000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रहा था, तो वही लैंडिंग के वक्त उसकी स्पीड एक से दो मीटर प्रति सेकंड की हो गई थी, ताकि उससे क्रैश होने की संभावना कम हो सके। लैंडर विक्रम चांद की सतह रखते ही पूरी दुनिया की नजर भारत में पड़ गई और इसरो में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। साथ ही अन्य लोगों की भी बधाई आनी शुरू हो चुकी हैं। भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन। चंद्रयान -3 चंद्र मिशन की उल्लेखनीय सफलता के लिए @isro को बधाई।
आपको बता दे कि चंद्रयान-2 भारत का वह मिशन असफल हो गया था। जिसमें पूरे देशवासियों के आंसू निकलते नहीं रख रहे थे। पूरे देशवासी सदमे में थे, और इसरो को साहस प्रदान कर रहे थे। पूरी दुनिया की नजर इसरो के ऊपर टिकी हुई थी, जो इसरो कभी हार नहीं मानती, जो इसरो कम पैसों में कम संसाधनों के साथ हिम्मत के साथ अपने प्रयासों को जारी रखता है। वह एक नई सीख देता है। जो दुनिया के हर नागरिक को हर व्यक्ति को उतना मजबूत बनाता है, कि आपके पास संसाधन की कमी हो तो भी आप उड़ान भर सकते हैं और आप उड़ान भर ही नहीं सकते बल्कि सफलतापूर्वक उसे नीचे भी ला सकते हैं, तो यह है चंद्रयान-3 की कहानी जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है। अब पूरी दुनिया भारत की ताकत को देखेगा चंद्रमा पर भारत की ताकत को देखेगा जो चांद अकेला था। उसे इसरो ने चांदनी दे दी है।