कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हिंसा को लेकर ममता बनर्जी से किए सवाल

दीपक झा। 9 जुलाई को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। उस दरमियान हिंसा उठी। जिसमें 15 लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा कि उसमें बीजेपी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल थे। मृतकों के संग कई लोग घायल हो गए। इसको लेकर अब राजनीति तेज है। बंगाल में बीजेपी ने जब आरोप लगाया, कि हिंसा भड़काने वाली पार्टी है। इधर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी आरोप लगाया, कि बीजेपी करवा रही है। ऐसा पंचायत चुनाव में देखा गया कि कैसे लोग बैलट बॉक्स लेकर लोग भाग रहे थे। यह चिंताजनक स्थिति थी। ममता बनर्जी के खास और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शुभेंदु अधिकारी जो बीजेपी में नेता हैं, उन्हें मीडिया से बात करते देखा गया, उन्होंने कहा यह जो हिंसा हो रही है, यह ममता बनर्जी करवा रही हैं। लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने भी चुप्पी तोड़ी, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया, और उन्होंने कहा पंचायत चुनाव हिंसा में हुई मृत्यु पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “कल यहां एक 62 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई। हत्या का उद्देश्य यह था कि इन्हें मार कर 3-4 बूथ पर कब्ज़ा किया जा सके। CM ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी, राज्य चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेंगे। बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? चुनाव से पहले-चुनाव के बाद हिंसा जारी रहती है। तृणमूल और पुलिस दोनों में कोई फर्क नहीं है, जो काम तृणमूल नहीं कर पाती है वह पुलिस कर देती। इस हत्या के खिलाफ हम सड़क और कोर्ट तक जाएंगे, हम आंदोलन करेंगे।”

यह बयान कई मायने में अहम हो जाता है, क्योंकि जब 22 जून को पटना में अपोजिशन की बैठक चल रही थी। विपक्ष एकता की बात चल रही थी, तो उस समय ममता बनर्जी ने कहा था तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कहा था, कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस से उनकी बहस या टक्कर होती रहती है। इस पर भी सहमति होना चाहिए। लेकिन इस बीच हिंसा हुई, इस को लेकर जो कांग्रेस नेताओं का रुख है। यह कहीं ना कहीं जो बेंगलुरु में मीटिंग होगी। उसके लिए यह एक सेंड के रूप में देखा जा सकता है। पैसों का बाजार लग रहा है। ऐसा लग रहा है, कि जो बेंगलुरु में बैठक होगी, उसमें कहीं ना कहीं इन सब बातों पर चर्चा की जाएगी। आपको बता दें तो हाल ही के दिनों में जब अरविंद केजरीवाल से पूछा गया, कि क्या वह कांग्रेस के निमंत्रण पर बेंगलुरु जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने पटना में पहले ही कह दिया है, कि पहले कांग्रेस यह स्पष्ट करें कि वह अध्यादेश के खिलाफ है। दिल्ली के जनता के साथ है, फिर वह विचार करेगी और फिर वह हमें भरेगी। ऐसे में विपक्ष कितना मजबूत है, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, पश्चिम बंगाल में जो घटना हुई, हिंसा हुई। उसको लेकर राजनीति तेज है और राजनीति ऐसी हो रही है, एक दूसरे पर आरोप चल रहे हैं। वह आपकी पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं, तो या सरकार में बैठे नेताओं का आरोप है, कि बीजेपी करवा रही है। कांग्रेस ने बीजेपी तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई बताते हुए कहा कि यह दोनों आपस में लड़कर यहां की जनता को पीस रहे हैं।

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