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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से घट रहे बड़े हादसे, 2 साल में 47 बार लैंडस्लाइडिंग

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से आए दिन बड़े हादसे होते रहते हैं। प्रशासनिक रिपोर्ट्स के मुताबिक 2 साल में 47 बार पहाड़ दरकने से बड़ी घटनाएं हुई हैं। 10 अगस्त 2021 में लैंडस्लाइड से 13 की मौत हुई जबकि 25 से अधिक लोग मलबे में फंस गए। वहीं 25 जुलाई को 9 पर्यटक के मरने की खबर सामने आई थी। प्रदेश में अधिकांश घटना किन्नौर के आस-पास घटती है। बारिश के मौसम में पहाड़ यमराज बनकर लोगों की जिंदगियों पर टूट पड़ते हैं। 2017 से 2021 के बीच करीब 47 बार भूस्खलन से चीख-पुकार के साथ जिंदगियों को अलविदा कहते देखा गया था। 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक 16 बार भूस्खलन से सड़क हादसे हुए हैं। 2021 में इसका रेशियो बढ़ता दिख रहा है, अब तक इस साल में 31 बार हादसे हो चुके हैं। 2017 में मंडी के कोटरुपी भूस्खलन में 45 लोगों की जान गई है। जानकारी के मुताबिक 1989 में मतियाना क्षेत्र के अंतर्गत 30 लोगों की जान गई थी। एक्सपर्ट ज्योलोजिस्ट पुनीत गुलेरिया के मुताबिक हिमाचल में अधिकांश लैंड स्लाइड सामान्य घटना बन गई है। बरसात के दौरान मिट्टी पर पत्थर की पकड़ ढ़ीली हो जाती है, जिसके कारण अक्सर घटनाएं घटती रहती हैं। चट्टानों की दरारे पानी भरने के कारण लुबरीकेंट का काम करने लगती है यही कारण है कि बरसात में भूस्खलन से अधिक हादसे होते रहते हैं।

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