उत्तर प्रदेश की राजनीति के दो बड़े चेहरे स्टिंग ऑपरेशन के दौरान बेनकाब हुए हैं। इस स्टिंग में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद और सुहेल भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व पिछड़ा एवं जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर का पर्दाफाश हुआ है। इस ऑपरेशन के बाद राजभर और निषाद आरोप – प्रत्यारोप बीजेपी के ऊपर थोपने लगे। इतना ही नहीं महोदय स्टिंग को अंजाम देने वाले मीडिया हाउस के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराने की तैयारी बना रहे थे। इस ऑपरेशन के बाद यूपी की राजनीति में हलचल मच गई। ये दोनों श्री मान राजनीति का मोल- तोल करना बखूबी जानते है। ऐसे खुलेआम अपनी करतूत को बखान रहे है जैसे हत्या करवाना, आग लगाना, गाड़ी फूंकना, अपहरण करना और लोगों को धमकाना इनका पेशा हो। इतना ही नहीं शराब बंटवाना इनका बांह हाथ का खेल है। निषाद ने हकीकत बयां करते हुए कहा कि बसपा को मैने मार दिया, कांग्रेस भी लगभग खत्म हो चुकी हैं उधर बीजेपी सपा पर हावी है। उनका मतलब सीधा है की जिस पार्टी में ब्राह्मण और दलित पिछड़ा वर्ग जाएगा सत्ता उसी के हाथ में होगी। पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बार बड़ा दांव खेलेंगे। जिस पार्टी में शामिल होंगे उससे दो बड़े विभाग स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी के साथ स्वतंत्र राज्य मंत्री का पद की मांग करेंगे। उनका दावा है कि मुझे 30-35 सीटों का ऑफर मिला है जिनमें से 15 मुख्य चेहरे के सिंबल से और बाकी अपने सिंबल से लड़ाएंगे। उद्देश्य सीट को मोटी रकम में बेचने का है। इसी कड़ी में सुदेभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर ने ऑटो ड्राइविंग से राजनीति के सफर में धन कमाई के अलावा दूसरा रास्ता नहीं चुना। योगी सरकार में मंत्री पद छोड़ने का मकसद इस स्टिंग में साफ हो गया। बीजेपी में कमाई का जरिया नहीं मिला तो अभद्र बयानबाजी करने लगे। जिसकी वजह से मई 2019 में पार्टी ने उनसे मंत्री पद छीन लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजभर की चल – अचल संपत्ति करीब 2 करोड़ के लगभग है। जो दो वक्त के खाने को मोहताज था आज राजनीति में आने के बाद करोड़पति बन गया। राजभर ने एक नारा शुरू किया था कि “जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी” इस नारे से आप समझ सकते है कि उनका मकसद समर्थन के बदले बड़ा पैसा लेने का है। ओपन कैमरा में राजभर ने कहा कि में महात्मा गांधी और डॉ भीमराव अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलता हूं। लेकिन आंतरिक मन काफी लालची है। जो जनता को गुमराह करता है और अपनी असलियत छिपाता घूमता है। उन्होंने मीडिया वार्ता में कहा कि यूपी में 4 फीसदी और पूर्वांचल में 18 फीसदी वोटर्स सुहेल देव पार्टी के साथ खड़े है। उनका दावा है कि यूपी की 66 सीटों पर जीत को हार और हार को जीत में बदलने की क्षमता रखता हूं। राजभर ने यूपी विधान सभा चुनाव के लिए पूरा खाका तैयार कर लिया है जिसमें मोल-भाव का गुणांक भी शामिल हैं। किस सीट को कितने दामों में बेचना है और ग्राहक लाने वालों को कितना कमीशन देना है, पूरा रिकॉर्ड तैयार कर लिया है। वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि इस बार आईएमआईएम के अध्यक्ष ओवैसी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। महोदय ने खाके में मुस्लिम और दलित समेत अति पिछड़ा वर्ग को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम, दलित और अति पिछड़ा वर्ग के साथ कांग्रेस, बीएसपी, सपा और बीजेपी ने वादा खिलाफी की है। 22 फीसदी मुस्लिम और 21 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग हमारे साथ खड़ा है। उनका दावा है कि 2022 के विधान सभा चुनाव में 100 सीटों पर प्रत्याशी उतरेंगे। इसके अलावा वो सभी सीटों पर जीत का दावा कर रहें है।