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शिक्षण में तकनीकी नवाचार समय की जरूरत: प्रो भगत नवाचार में भारत लगातार उन्नत : प्रो भगत

ग्रेटर नोएडा : भारत तकनीकी नवाचार में निरंतर वृद्धि कर रहा है। आज भारत विश्व के 50 शीर्षस्थ देशों में शामिल है जहां अनुसंधान तथा नवाचार पर बल दिया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को नवाचार के लिए लगातार प्रेरित कर रहा है। उक्त विचार बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत ने ग्रेटर नोएडा स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की पहल संस्थानिक नवोन्मेष परिषद के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और संचार में नवाचार’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में व्यक्त किया।
सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए डा. भगत ने कहा कि विश्व के 50 शीर्षस्थ नवाचार पर ज़ोर देने वाले देशों में भारत का शामिल होना काफी गौरव की बात है। वर्तमान परिपेक्ष्य में देश एवं दुनिया के जो हालात हैं उसमें शिक्षण अधिगम में तकनीकी प्रबंधन और नवाचार की काफी आवश्यकता है। प्रो भगत ने कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में आदि काल से विश्व का अगुआ रहा है। आज भी शिक्षा के क्षेत्र को श्रेष्ठकर बनाने के लिए उसमें नवाचार की अहम भूमिका है।


अतिथि वक्ता के रूप में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी, बिहार के मीडिया स्टडीज़ विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रशांत कुमार ने कहा कि नित नए-नए नवाचार आ रहे हैं, परंतु वे कुछ लोगों तक ही सिमट कर रह जाते हैं। हमें अपनी सनातनी तकनीकी परंपरा से सीखने की जरूरत है जहां संजय के रूप में बैठा व्यक्ति धृतराष्ट्र को महाभारत का सजीव वृतांत सुनाता है जो अपने आपमें तकनीकी नवाचार का अनूठा उदाहरण है।
राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के सदस्य सचिव प्रो सच्चिदानंद जोशी ने उद्बोधन में कहा कि हमें विद्यार्थियों के समग्र विकास पर बल देना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में नवाचार के उचित प्रयास किए जा रहे हैं जो सराहनीय हैं। इस कोरोना काल में भारत के नवाचारी विकास की विश्व में चर्चा है।
मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि प्रबंधन, प्रौद्योगिकी एवं संचार में नवाचार विषय पर सम्मेलन का आयोजन ही अपने आप में नवाचार है। इस चुनौतीपूर्ण समय में व्यक्ति में जितनी क्षमता है वो उतना आगे बढ़ेगा। हमें अपने शिक्षकों को भी समय-समय पर नवाचार से अवगत कराते रहना चाहिए जिससे वे भी नई-नई चीजों से अवगत हो सके।
विशिष्ट अतिथि के रूप में जुड़े आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ मयंक अग्रवाल ने कहा कि नवाचार के प्रयोग के लिए शिक्षकों में विषय का ज्ञान, प्रतिबद्धता, स्वअनुशासन, सपने देखना एवं साधकत्व की क्षमता बनाए रखनी चाहिए।
सम्मेलन में आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के उपनिदेशक प्रो अभिन्न बक्सी भटनागर ने कहा कि शिक्षण कार्य में तयशुदा दायरे से बाहर जाकर जब हम कुछ नया और सकारात्मक प्रयोग करते हैं तो उसे ही हम नवाचार कहते हैं। शिक्षण कार्य में जब तक हम नवाचार का प्रयोग नहीं करेंगे तब तक हम अपने काम के प्रति न्याय नहीं कर सकते हैं।
सम्मेलन में आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के अधिष्ठाता और आईआईसी सेल के अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार निगम ने विषय प्रवर्तन करते हुये कहा कि आईआईएमटी कॉलेज समूह निरंतर नवाचार को बल दे रहा है। कॉलेज ने इन विषम परिस्थितियों में ऑक्सीज़न जनरेटर ‘जीवन’ का आविष्कार कर प्राणवायु का संचार किया है। अतिथियों का स्वागत आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के प्रिंसिपल प्रो अंशुल शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के वाणिज्य विभाग की अधिष्ठाता प्रो विभा सिंह ने किया। राष्ट्रीय सम्मेलन का संचालन सम्मेलन के समन्वयक डॉ रामशंकर तथा डॉ विनीत कुमार झा उत्पल, डॉ राकेश कुमार दुबे, डॉ स्वाति सिंह, तथा प्रियंका मल्होत्रा ने किया। इस मौके पर आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक तथा देश-विदेश के प्रतिभागी मौजूद रहे।

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