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वाराणसी में हुई आईआईए डिविज़नल और चैप्टर चेयरमैन की बैठक

आईआईए डिविज़नल और चैप्टर चेयरमैन की बैठक वाराणसी के होटल अमाया में आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज गुप्ता की अध्यक्षता में हुई।

बैठक में विशिष्ट अतिथि वाराणसी मंडल के कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल (IAS) के साथ साथ सभी राज्यों के लगभग 70 केंद्रीय आईआईए पदाधिकारी तथा वाराणसी आईआईए चैप्टर के सदस्य भी मौजूद रहे। यह बैठक तीन मुख्य एजेंडों पर केंद्रित थी जिसमें आईआईए चैप्टर के कामकाज और विकास से जुड़े राज्यों और राष्ट्रीय स्तर के लघु एवं मध्यम उद्योग मुद्दे और साथ ही औद्योगिक विकास के मुद्दे भी शामिल थे।
नोएडा चैप्टर के चेयरमैन श्री कुलमणि गुप्ता ने राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय समिति को नोएडा चैप्टर के विकास से अवगत कराया और इस क्षेत्र में उद्योगों के मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की। इस दौरान CGWA क्लीयरेंस, डिफेंस कॉरिडोर और ODOP भागीदारी आदि बिंदुओं पर संक्षिप्त जानकारी दी गई । वाराणसी मंडल कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल ने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योग सेक्टर देश में रोजगार सृजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए प्रशासन आईआईए यथासंभव सहयोग प्रदान करेगा ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज कुमार ने अपने संबोधन में लघु एवं मध्यम उद्योग के प्रचार और विकास के लिए राज्य और केंद्र स्तर पर सरकार द्वारा घोषित नीतियों को व्यापार और प्रभावी निष्पादन में आसानी से अमल करने के महत्व को उठाया। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यदि विभागों द्वारा लघु एवं मध्यम उद्योग के भुगतान को समय पर किया जाए, तो इससे उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी और सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा एवं बेरोजगार युवाओं के लिए अधिक रोजगार मिलेगा।
महासचिव श्री मनमोहन अग्रवाल ने कहा कि केवल लघु एवं मध्यम उद्योग देश में मंदी और बेरोजगारी की समस्या को दूर कर सकता है। सरकार को आईआईए जैसे लघु एवं मध्यम उद्योग संघों के साथ सक्रिय परामर्श के माध्यम से लघु एवं मध्यम उद्योग के प्रदर्शन में बाधाओं को हटाने के लिए गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है। लघु एवं मध्यम उद्योग देश में वर्तमान आर्थिक मंदी पर काबू पाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आर.के. चौधरी ने कहा कि बैंक लघु एवं मध्यम उद्योग परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए जिस तरह से सहयोग करना चाहिए, वह नहीं कर रहे हैं। यदि वे सहयोग करते हैं, तो यह बैंकों और लघु एवं मध्यम उद्योग दोनों को पारस्परिक लाभ होगा। बैठक में उपस्थित पदाधिकारी लीज के लिए औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने, बिजली दरों के औचित्य-स्थापन, औद्योगिक क्षेत्रों के उचित रखरखाव और लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए श्रम कानूनों के स्पष्टीकरण की आवश्यकता पर चर्चा हुई ।

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