Site icon IIMT NEWS, Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

माघ में सत्संग, स्वाध्याय और कल्पवास से मिलेगा सभी परेशानियों का हल

माघ माह में कल्पवास करना बहुत फलदायक होता है। कल्पवास का मतलब कुछ समय या संपूर्ण माघ माह तक के लिए नदी के तट पर ही कुटिया बनाकर रहना और साधुओं के साथ व्रत, तप, उपवास, सत्संग आदि करना। कल्पवास पौष माह के 11वें दिन से माघ माह के 12वें दिन तक रहता है। कल्पवास में सत्संग और स्वाध्याय का खास महत्व होता है।
माघ माह में मंदिरों, आश्रमों, नदी के तट पर सत्संग, प्रवचन के साथ माघ महात्म्य तथा पुराण कथाओं का आयोजन होता है। आचार्य विद्वानों द्वारा धर्माचरण की शिक्षा देने वाले प्रसंगों को लौगों को सुनाया जाता है। कथा प्रसंगों के माध्यम से तन-मन की स्वस्थता और शांति बनाए रखने के लिए अनेक प्रसंग सुनाए जाते हैं। सत्संग से धर्म का ज्ञान प्राप्त होता है। धर्म के ज्ञान से जीवन की बाधाओं से मुकाबला करने का समाधान मिलता है।
बात स्वाध्यय की करें तो इसके दो अर्थ हैं- पहला स्वयं का अध्ययन करना और दूसरा धर्मग्रंथों का अध्ययन करना साथ ही इस अध्ययन का अभ्यास भी करना। अपने ज्ञान, कर्म और व्यवहार की समीक्षा हर व्यक्ति को खुद ही करनी चाहिए, इसलिए ऐसी चीज़ें पढ़ें जिससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो साथ ही आपको इससे खुशी भी मिले।

Exit mobile version