नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक दिल्ली में भूजल लग-भग समाप्त हो जाएगा। दिल्ली में 18 प्रतिशत या 6,25,000 ऐसे घर है जिनमें पाइप के द्वारा पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है। अब दिल्ली में पानी की मांग बढ़ती जा रही है। दिल्ली को अभी 110 करोड़ गैलन पानी प्रतिदिन की अवशयकता है लेकिन सिर्फ 90 करोड़ गैलन प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है। हर साल भूजल स्तर 0.5-2 मीटर नीचे गिर रहा है।

दिल्ली के भूजल का स्तर काफी जगह 40-80 मीटर तक पहुंच चुका है। कुछ जगह ऐसी भी है जहां पानी का स्तर 100 मीटर से भी नाचे जा चुका है। दिल्ली में अभी 13,497 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है, जिसमें से 10,284 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रसायन और लवण से युक्त है। सिर्फ 3207 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी साफ है। `
केन्द्र सरकार के प्रोग्राम ‘नल से जल’ का भी कहीं कोई जिक्र नहीं है। हाल ही में केजरीवाल सरकार ने हरियाणा सरकार से पानी की समस्या को लेकर बात की थी लेकिन कोई निष्कर्श नहीं निकल सका है।
यह हाल दिल्ली के अलावा 20 और शहरों में भी है। इसमें फ़रीदाबाद, गुरूग्राम, कानपुर, जयपुर, अमरावती, शिमला, दिल्ली, धनबाद, जमशेदपुर, मुंबई, आदि कई शहर हैं। ये शहर ‘डे ज़ीरो’ की कगार पर खड़े हैं। अगर हम लोगों ने अभी कदम नहीं उठाए तो आगे ये बहुत बड़ी समस्या बन सकती है।

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