प्रधानमंत्री मोदी का 71वां जन्म दिवस होगा खास, जानिए बचपन से अब तक कैसा रहा सफर

विश्व में अलग पहचान रखने के साथ निर्भीकता से फैसले लेने वाले भारत के शक्तिशाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज यानि 17 सितंबर दिन शुक्रवार को जन्म दिवस है। इस मौके पर राष्ट्रपति समेत अन्य दिग्गज नेताओं ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं दी। दुश्मनों के छक्के छुटाने वाले पीएम मोदी आज अपने जन्म दिवस के उपरांत भी शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। दरअसल मोदी की सबसे बड़ी खूबी है कि दीपावली के पवित्र त्योहार को लोग अपने घर पहुंच कर मनाते है लेकिन 2014 से साल 2020 के बीच आने वाले प्रत्येक दीवाली के त्योहार को प्रधानमंत्री ने सैनिकों के साथ बॉर्डर पर मनाया। हमेशा देश की गतिविधियों पर नजर रखने वाले पीएम को सुपरपॉवर देशों ने भी लोहा माना है। 7 सालों में देश की सुरक्षा व्यवस्था औऱ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ सामंतरण समावेश बनाया। नरेंद्र मोदी ने मीडिया के सवाल पर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के बारे मे बताया था कि रात 11 बजे से सुबह 4 बजे के बीच आराम करता हूं। देश पर कोई आपत्ति हो तो विस्तर पर नहीं बल्कि सुझाव पर ध्यान केंद्रित होता है। दरअसल मोदी नाम जुबान पर आते ही उनकी अलौकिक क्षवि सामने आ जाती है। वहीं सख्त प्रशासक, दमदार व्यक्तित्व, गंभीरता, आत्मविश्वास, निडरता और स्वाभिमानता के साथ निस्पक्षता का जिक्र होने लगता है। मोदी को कठोरतम फैसलों औऱ दुश्मनों को करारा जबाव देने के आधार पर छप्पन इंची सीना वाला लीडर कहा जाता है।
दुश्मन को धूल चटाने वाले औऱ देश के प्रति गंभीरता से फैसले लेने वाले प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। बचपन में मोदी काफी शरारती थे। परिवार में 6 भाई औऱ बहन के साथ मां-पिता थे। परिवार भले ही गरीबी से जूझ रहा हो लेकिन खुशियों में कहीं कमी नहीं थी। मोदी बचपन से ही साहसी और स्वाभिमानी रहे है। इसी बीच साल 1889 में परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दरअसल नरेंद्र मोदी के पिता दामोदर दास को गंभीर कैसंर की शिकायत होने की वजह से निधन हो गया था। उसके बाद परिवार में भाइयों पर परिवार की बागडोर आ गई थी। नरेंद्र मोदी ने शिक्षा-दीक्षा पर अपना ध्यान बढ़ाया। इसी बीच वो समाजसेवा की तरफ बढ़े। धीरे-धीरे उनका नाम फेमस होता गया। बाद में छात्रसंघ का चुनाव भी लड़े। जीत के साथ कदम बढ़ते गए। आगे हिंदू संगठन का दामन थामा, वहां से उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिल गया। साहसी होने के कारण कई मुश्किलों को पार करते हुए 1992 -93 के करीब वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। गुजरात में समाज के प्रति दृढ़ संकल्पित होने की वजह से 2001 में उन्हें सीएम बनने का मौका मिला। कुछ समय तक अवसर मिला लेकिन नरेंद्र मोदी ने जनता के साथ करिश्मा कर दिखाया। प्रभावित हुई जनता ने मोदी को एक बार नहीं बल्कि 4 बार सीएम की कुर्सी पर बैठाया। 2014 में देश की सेवा करने के लिए लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरें। संपूर्ण देश में मोदी की लहर ने विपक्ष की कमर तोड़ दी। पूर्ण बहुमत के साथ दोनों बार सरकारें बनाई। उनके कार्यों की देश ही नहीं बल्कि दुनिया सराहना करती है।
पाक-चीन और तालिबान के षड्यंत्र पर मोदी का चक्रव्यूह
अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन आने पर चीन औऱ पाक में बौखलाहट बढ़ गई है। पाक अपने दोस्त देशों के साथ मिलकर भारत को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है। भारत भी कम पड़ने वालों में से नहीं है, इधर पाक-चीन समेत आतंकियों की साजिश का खाका तैयार हो रहा है तो भारत ने जबाव देने का प्लान भी तैयार कर लिया है। खुशी की बात ये है कि भारत के पुराने दोस्त अब फिर से साथ देने को तैयार खड़े है। दरअसल ऑस्ट्रेलिया, रूस, जापान के साथ कई पॉवर फुल देश भारत के साथ बड़ी डील करने को तैयार हो गए है। आज प्रधानमंत्री शिखर संबोधन कर रहे है। फिलहाल देखना होगा कि इस वार्ता के बाद क्या बदलाव सामने आते है। इसके बाद पीएम का तीन दिवसीय दौरा भी है। दुश्मन देशों की चीखें निकालने के लिए यह मोदी मॉडल तैयार हो रहा है।