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पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं के बीच खींच-तान

पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बीच खींच-तान शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पद को लेकर भूपेश बघेल औऱ तुलसी देव के बीच दरार बनती नजर आ रही है। पार्टी की तनातनी को देखते हुए राहुल गांधी सत्ता की कमान देने से पहले बस्तर का दौरा करेंगे। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि राहुल गांधी भूपेंश बघेल के निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद बस्तर का दौरा करने जाएंगे। पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात करने के बाद कमान देने का निर्णय लेंगे। दरअसल खींचतान की असली वजह वरिष्ठ मंत्री टीएस देव के विरोध पर बढ़ी है। देव ने बघेल को बदलने की मांग की थी। जिसके बाद से मामला उलझता गया। बताया गया कि राहुल दो दिवसीय दौरे पर जा सकते है। जानकारी के अनुसार बीते दिनों भूपेश बघेल ने दिल्ली पहुंचकर राज्य में राहुल गांधी को आमंत्रित किया था। इस बीच बघेल ने छत्तीसगढ़ में सियासती कलह से रूबरू भी करवाया था। दरअसल तुलसी देव ने राहुल से राज्य की कमान मांगी थी। सूत्रों के मुताबिक दोनों खेमें के बीच ढ़ाई-ढ़ाई साल तक कमान संभालने का समझौता हुआ था। लेकिन बघेल का समय होने के बाद भी अपने दिए वादे से मुकर गए है। फिलहाल इस मामले पर राहुल गांधी मंथन करेंगे। सवाल है कि राहुल के दो दिवसीय दौरे के बाद कमान बघेल के हाथों में होगी या तुलसीदेव के हाथ में। देखना होगा कि राहुल अपने फैसले को कौन सी दिशा में ढ़ालेंगे। हालांकि एक को समझाना है औऱ एक को बनाना है वाली प्रक्रिया में राहुल गांधी के सामने बढ़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। उधर भूपेश बघेल अपने पद पर बने रहने का दावा कर चुके है। एक मीडिया वार्ता में बघेल ने कहा कि मुझे सीएम पद छोड़ने का कोई निर्देश नहीं मिला है। गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद उन्हें बघेल के साथ एक अलग कार्यकाल का वादा किया गया था। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस दौरान कांग्रेस की लीडरशिप राजस्थान और मध्य प्रदेश में अंतर्कलह को लेकर भी परेशान थी। तब भूपेश बघेल के अलावा ताम्रध्वज साहू, चंद्रदास महंत और टीएस सिंह देव ने सीएम पद के लिए दावा किया था।

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