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देश में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और कानून की बात तबतक चलेगी जबतक हिंदू बहुसंख्यक हैं- नितिन पटेल

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल एक बार फिर अपने विवादित बयान के चलते चर्चे में आ गए हैं। उनका कहना है कि देश में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और कानून की बात तबतक चलेगी जबतक हिंदू बहुसंख्यक हैं। इसके अलावा उन्होंने दावा किया है कि जिस दिन हिंदूओं की संख्या में कमी आएगी उस दिन न कोई कोर्ट न कोई कचहरी होगी, ना कोई कानून होगा, कोई लोकशाही नहीं, कोई संविधान नहीं रहेगा सब हवा में दफना दिया जाएगा।
दरअसल, गांधीनगर के भारत माता मंदिर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने यह बयान दिया था। आश्चर्य की बात यह है कि जिस वक्त वे ये बयान दे रहे थे उस वक्त राज्य के गृह मंत्री प्रदीप जाडेजा वहीं पर मौजूद थे। इस दौरान पटेल ने संविधान और उसके मूल्यों को ताख पर रखते हुए कई टिप्पणियां की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कुछ लोग संविधान और धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं। लेकिन मैं आपको बताता हूं और अगर आप इसे वीडियो रिकॉर्ड करना चाहते हैं, तो इसे करें मेरे शब्दों को लिखकर रख लें। संविधान, धर्मनिरपेक्षता और कानून आदि की बात करने वाले ऐसा तब तक करेंगे जब तक कि इस देश में हिंदू बहुसंख्यक हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिस दिन हिंदुओं की संख्या घटती है, दूसरों की वृद्धि होती है, तब न धर्मनिरपेक्षता, न लोकसभा और न संविधान। सब कुछ हवा में उड़ा दिया जाएगा। कुछ नहीं रहेगा।
इसके अलावा उन्होंने अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती करने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि अहमदाबाद का नाम गुलामी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “गुजरात की जनता और अहमदाबाद के आम लोगों की इच्छा है कि अहमदाबाद का नाम बदला जाए। कर्णावती पुराना ऐतिहासिक नाम है और इस पर हर भारतीय को गर्व है। यह हमारे इतिहास के गौरव के साथ जुड़ा हुआ नाम है। अहमद शाह के अलावा दूसरे राजा और नवाब तो भारत बाद में आए।”
वहीं, इस विषय पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी बीते दिन एक बयान जारी किया था जिसमें उन्होंने अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती करने की बात कही थी।

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