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दिल्ली से मुंबई अब 24 नहीं बल्कि 12 घंटे में पहुंचेंगे, मोदी सरकार का बड़ा तोहफा

दिल्ली से मुंबई के बीच करीब 1,412 किमी की दूरी है। इसे तय करने में करीब 24 घंटे का समय लगता था। लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने जनता को एक बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल जानकारी के मुताबिक दिल्ली से मुंबई के बीच के सफर को कम समय में तय करने के लिए दोनो बड़े शहरों के बीच एक एक्सप्रेसवे का निर्माण करने का फैसला लिया गया है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ कर दिया जाएगा। एक्सप्रेसवे बनने के बाद 24 नहीं बल्कि केवल 12 घंटे में इस सफर को तय किया जा सकेगा। वाहन फर्राटा भरते हुए लंबी दूरी कवर कर सकेंगे।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेसवे का जायजा लिया। जानकारी के मुताबिक एक्सप्रेसवे का कार्य काफी तेज गति से चल रहा है और इसका लक्ष्य 2023 निर्धारित किया गया है। जायजा लेने गए गडकरी ने मजेदार किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक बार मुंबई की सड़क बनवा रहा था उस दौरान ससुराल का घर तोड़ना पड़ा था इससे पत्नी नाराज हो गई थी। लेकिन करता भी क्या शासन का आदेश हमारे लिए सर्वमान्य था। साथ दावा किया कि एक्सप्रेसवे की टाइमलाइन मार्च 2023 की है इस बीच काफी तीव्रता से निर्माण कार्य संपन्न किया जाएगा। दरअसल एक्सप्रेसवे की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी गई थी। इस दौरान परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज की मौजूदगी रही थी। 8 लेन के एक्सप्रेसवे पर 2023 से वाहन फर्राटा भरते नजर आएंगे। हाल ही में रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें 1380 किमी में से 1200 किमी पर काम चल रहा है। जबकि 375 किमि पर काम संपन्न हो चुका है। जानकारी के अनुसार इसकी कुल लागत करीब 98 हजार करोड़ रुपए आएगी। गौरतलब है कि ये एक्सप्रेसवे 6 राज्यों से होकर गुजरेगा। जिनमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, और महाराष्ट्र शामिल है। बता दें कि इस एक्सप्रेसवे से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तोड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन समेत अहमदाबाद जैसे कई शहरों में आसानी से पहुंचा जा सकता है। वहीं इस एक्सप्रेसवे से 130 किमी की दूरी घट जाएगी, औऱ 320 मिलियन लीटर ईंधन की बचत भी होगी। 850 मिलियन किलोग्राम कॉर्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा। एक्सप्रेसवे के किनारे हरियाली का विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह वन्य जीवन सुरक्षा से लैस कर बनाया जाएगा। निर्माण के बाद से वाहन 80 किमी प्रतिघंटा की जगह 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगे। जानकारी के अनुसार एक्सप्रेसवे पर टोल कलेक्शन रेडियो फ्रक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक के जरिए होगा। एनएचएआई का कहना है कि अभी 8 लेन तैयार हो रही हैं पर जरूरत पड़ने पर 12 लेन भी बनाई जा सकती हैं। इसके निर्माण कार्य से 50 लाख दिन का रोजगार पैदा होगा।

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