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कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों में ऑक्सीजन की कमी पर हाई कोर्ट का फूटा गुस्सा, नरसंहार में केंद्र सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

देश में प्रतिदिन हालत बिगड़ते जा रहे हैं। हजारों की संख्या में मरीज ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। दिल्ली और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शासन प्रशासन को फटकार लगते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत देखी नहीं जा सकती। देश का प्रत्येक नागरिक महत्वपूर्ण है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोविड-19 से मरीजों की मौत से जुड़ी खबरों पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो 48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच कर अदालत को ऑनलाइन रिपोर्ट भेजें। अदालत ने कहा, ”हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड मरीजों की जान जा रही है। यह एक आपराधिक कृत्य है और यह नरसंहार से कम नहीं है। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कारण बताने को कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति क्यों नहीं हो रही। जस्टिस का कहना है कि ”आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छिपा सकते हैं, हम ऐसा नहीं करेंगे।’ पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि दिल्ली की 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति किसी भी हल में की जानी होगी।

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