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कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक, इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस चेन्नई ने वैल्यू R पर किया शोध

दुनिया कोरोना के प्रभाव से त्रस्त हो चुकी है, वहीं भारत के शोधकर्ताओं ने तीसरी लहर के संभावित संकेत दे दिए है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस चेन्नई ने R वैल्यूज़ का जिक्र किया है। प्रोफेसर सिताभ्र सिन्हा ने सभी राज्यों के बीते तीन महीनों के रिकॉर्ड को रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 और वैल्यू R से वायरस के प्रजनन दर को दर्शाया है। बता दें की एक्सपर्ट के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। सिन्हा का कहना है कि दूसरी लहर 7 मई से शुरू हुई थी जिसकी रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 का आंकलन किया गया है। आज उसी मोड़ पर फिर से पहुंच गए है, वायरस ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है। एक्सपर्ट के मुताबिक देश तीसरी लहर की चपेट में आने वाला है। बता दें कि इस बार R वैल्यू 1 से नीचे पहुंचती है तो देश भाग्यशाली होगा। वैक्सीनेशन की 100 फीसदी डोज देश की आबादी में पहुंचने के साथ स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था सही दिशा में काम करें तो वायरस का लेवल माइनस यानि वैल्यू 1 से नीचे पहुंच सकता है। शोध के अनुसार पूर्वोत्तर के 20 राज्यों में संक्रमण का खतरा अधिक है, जो वैल्यू R के अनुमानित मान 1 से बढ़ रहा है। काफी चिंता का विषय है। जबकि महाराष्ट्र के कुछ शहरों में वैल्यू R से अधिकतम आंकड़ा सामने आए है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पहले वायरस की R वैल्यू 0.99 थी जो अब बढ़कर 1 हो गई है। वायरस के प्रजनन दर में बढ़ोत्तरी को लेकर सतर्क होने की जरूरत है। बता दें कि वैल्यू 1 से अधिक का मतलब 100 व्यक्ति 100 को संक्रमित कर रहे हो। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि चिकनपॉक्स में एक व्यक्ति 8 लोगों को संक्रमित करता था, यानि वैल्यू R प्रभावित आंकड़ा 8 था। डेटा एक्सपर्ट के मुताबिक R फैक्टर 1.0 से अधिक है तो मामले बढ़ रहे है। इससे कम हो तो संक्रमण घटने का संकेत देता है। बता दें कि इसकी वैल्यू 11 मई तक 0.98, 30 मई 0.82, 26 जून 0.78, 22 जुलाई 0.95 और 2 अगस्त क बाद इसका आंकड़ा 1.0 पर पहुंच गया है।

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