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काशीविश्वनाथ मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, तीसरे सोमवार को अर्ध्दनारीश्वर महादेव के साथ दो विशेष योगों का महत्व

भगवान शंकर का सबसे प्रिय मास सावन का आज तीसरा सोमवार है। लाखों श्रद्धालु शिवालयों में पहुंचकर भगवान भोले का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक कर रहे है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने द्वादश के त्रियोदश तिथि में अर्ध्दनारीश्वर स्वरूप धारण किया था। काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर की परंपरा है कि आज के दिन भगवान शंकर के अर्ध्दनारीश्वर स्वरूप के दर्शन होते है। सुबह 4 बजे से लाखों भक्तों की कतार बम भोले के जयकारों से गूंजती हुई गंगाघाट से गर्भग्रह तक देखने को मिलती है। भगवान अर्ध्दनारीश्वर की मंगला आरती के बाद सुबह 4 बजे कपाट खुल जाते है। भारी भीड़ के चलते सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए है। आज के दिन भक्त हर्ष-उल्लास के साथ जलाभिषेक करते है। मंदिर महंत के मुताबिक मंदिर में दर्शन सुबह 4 बजे से अर्धरात्रि तक चलता रहता है। ज्योतिष के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार में 2 योगों का विशेष महत्व है। आज सूर्योदय से लेकर दोपहर 3:44 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग है। इसके साथ ही सुबह 10:26 बजे से शाम 4:37 बजे तक मंगल योग है। मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष अशोक द्विवेदी का कहना है कि इस सोमवार में शिव पूजा करने से भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस तिथि में भगवान शंकर अपने भक्तों को दो स्वरूपों में दर्शन देते है। आज शिव की रजत प्रतिमा का श्रंगार सुगंधित पुष्पों से किया जाता है जबकि शाम के समय श्रंगार भोग आरती से पहले होता है। वहीं मंदिर परिसर को नाना प्रकार के फूल, पत्तियों और मालाओं से सजाया जाता है। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि गंगा में बाढ़ के चलते पुलिस फोर्स की जगह-जगह तैनाती की गई है। वहीं गंगा घाटों पर लाउडस्पीकर से भक्तों को सतर्क किया जा रहा है। अधिक भीड़ के कारण मंदिर परिसर में जाने वाले मार्गों को 3 जोन और 8 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। सुरक्षा पर कड़ी नजर रखने के लिए पुलिस, ट्रैफिक, पीएसी और सेंट्रल पैरामिलिट्री समेत एनडीआरएफ के जवानों को मुस्तैद किया गया है। बता दें कि मैदागिन से आने वाले श्रद्धालुओं को छत्तादार के रास्ते मंदिर परिसर में भेजा जाएगा। पूर्वी दिशा से आने वाले भक्तों को पूर्वी प्रवेश द्वार में जलाभिषेक करना है जबकि बांसफाटक से आने वाले भक्त पश्चिमी द्वार से दर्शन करेंगे। वहीं सरस्वती फाटक से आने वाले श्रद्धालु दक्षिणी द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। सुगम दर्शन का टिकट लेने वाले उत्तरी दिशा के प्रवेश द्वार से दर्शन करेंगे। जिला प्रशासन ने मंदिर को हर 6 घंटे में सैनेटाइज करने की व्यवस्था की है। आपातकाल में चिकित्सा व्यवस्था की टीम मौजूद रहेगी। प्रशासन ने मंदिर जाने वाले दर्शनार्थिंयों के लिए नियम लागू किए है। मास्क, सैनेटाइज का उपयोग कर दूरी बनाए रखें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंदिर में लेकर जाना वर्जित है। ज्वलन शील पदार्थ साथ में न रखें। लावारिस सामान को हाथ न लगाए उसकी सूचना पुलिस तक पहुंचाए। गंगा में स्नान करते समय सावधानी बरतें, साथ ही अपने सामान की सुरक्षा स्वंय करें।

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