एएएफटी विश्वविद्यालय द्वारा दादा साहेब फाल्के के नाम पर सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान की घोषणा

राजतिलक शर्मा

दादा साहेब फाल्के का नाम भारतीय सिनेमा जनक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने जो फिल्म इंडस्ट्री को दिया या यूँ कहे कि वो नहीं होते तो आज हम हिंदी सिनेमा को इस बुलंदी तक न पहुंचा पाते इसीलिए हम सबका कर्तव्य बन जाता है कि हम उनके नाम और काम को याद रखे। दादा साहेब फाल्के की 150वीं जयंती के अवसर पर एएएफटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मीडिया एंड आर्ट्स रायपुर ने उनके नाम से एक सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान देने की घोषणा की है। जिसमें एक साल की अवधि के लिए दादा साहेब फाल्के के नाम की चेयर दी जाएगी यह बातें विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह ने कही। उन्होंने बताया कि राज्यपालों, न्यायाधीशों, मंत्रियों और शिक्षाविदों से युक्त नया बोर्ड “दादा साहेब फाल्के अध्यक्ष” के लिए पहला नाम तय करेगा और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। हमने हिंदी सिनेमा सम्मान समारोह के तहत विज्ञान भवन में हिंदी सिनेमा सम्मान की शुरुआत की थी, जहाँ हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए हिंदी सिनेमा की प्रमुख हस्तियों को सम्मानित किया गया था जिसके तीन संस्करण पहले ही हो चुके हैं। बता दें कि इस अवॉर्ड की कल्पना डॉ. संदीप मारवाह द्वारा की गई है, जिनका मीडिया को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान है। मारवाह को नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक भी कहा जाता है। संदीप मारवाह ने वैश्विक स्तर पर भारतीय कला और संस्कति को बढावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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