इनकम के अनुसार भरें आईटीआर फार्म

इनकम टैक्स रिटर्न के फार्म की कई श्रेणी होती है, कमाई के अनुरूप आईटीआर फार्म को भरा जाता है। इसमें 7 तरह की फार्म कैटागरी बताई गई है जिसके अलग-अलग पैरामीटर्स होते हैं। आईटीआर-1 फार्म आम या रेजिडेंट नागरिक के लिए निर्धारित होता है। इसमें वो लोग शामिल होते हैं जिनकी कमाई सैलरी या हाउस प्रोपर्टी से होती है। ऐसे लोगों को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस कैटेगरी में रखा जाता है। जानकारी के मुताबिक इस कैटागरी में 50 लाख से कम इनकम वाले आते हैं। इसमें किसानों को भी शामिल किया गया है जिसकी कमाई 5 हजार प्रति माह के हिसाब से होती हो। बता दें, व्यापारिक संबंधी लोगों के लिए यह फार्म भरना गलत है। वो इनकम टैक्स के दायरे में आते है।
आईटीआर फॉर्म 2 में 50 लाख से अधिक कमाई करने वाले शामिल हैं। इनमें कंपनी मालिक या प्रॉपर्टी डीलर के साथ बडे निवेशक शामिल होते हैं। इसमें सैलरी और पेंशन वाले लोगों को रखा गया है। परिवार के साथ मां-बाप और बच्चों की इनकम शामिल हो जाए तो वो लोग इस कैटागरी में आने लगते है।
आईटीआर 3 में एचयूएफ के द्वारा फार्म भरने की प्रक्रिया है। जिन लोगों की इनकम खुद के निवेश से हो रही हो या बड़ी प्रॉपर्टी के दायरे में आते हो उन्हें आईटीआर 3 में रखा गया है। बता दें कि बिजनेस या प्रोफेशनल काम से बड़ी इनकम करने वालों को फार्म 3 की श्रेणी रखा गया है। इसके अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष में इक्विटी अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया हो तो यह फॉर्म भर सकते हैं। इनमें सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी आदि से कमाई करने वाले आईटीआर फॉर्म -3 भर सकते हैं।
आईटीआर 4 कैटेगरी को सुगम के नाम से भी जाना जाता है। इसके अंतर्गत एचयूएफ व पार्टनरशिप फर्म के लोग आते हैं। इनकम टैक्स की धारा 44एडी और 44एई के तहत इनकम का दायरा आता हो। इस फार्म में 2 करोड़ से अधिक इनकम वाले लोग आते है। कंपनी के मालिक या बाहरी निवेशक हो तो फार्म 4 भर सकते है। भारत से बाहर किसी अकाउंट में आप साइनिंग अथॉरिटी हों तो यह फॉर्म नहीं भर सकते, अगर आप फ्रीलांसर हों और सालाना कमाई 50 लाख से ज्यादा है तो फॉर्म 4 भर सकते हैं।