देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के सामने मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाने की लालच में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही हैं। उनके बयानों से साफतौर पर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आगामी लोकसभा चुनावों में ममता दीदी विपक्ष का नेतृत्व करती नजर आएंगी। इस बीच उनका एक बयान इन दिनों काफी सुर्खियीं बटोर रहा है। दरअसल, एक जनसभा को संबोधित करते हुए दीदी ने कहा था कि यूपीए अब पूरी तरह से कमजोर हो चुका है। सभी विपक्षी दलों को मिलकर नरेंद्र मोदी सरकार से लड़ना होगा। इसके लिए एक सर्वमान्य नेता चुनना होगा। यह बात उन्होंने शरद पवार की मौजूदगी में कही थी।
वहीं, मंगलवार को शिवसेना के नेता संजय राउत ने दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राउत ने आने वाले चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर बड़ा ही अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बगैर एनडीए को चुनौती देने वाला कोई गठबंधन संभव नहीं।
बता दें, संजय राउत के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी पार्टी शिवसेना यूपीए गठबंधन में शामिल हो सकती है। और कांग्रेस को समूचे विपक्ष का नेतृत्व करने में समर्थन दे सकती है।
हालांकि, शिवसेना की ओर से यूपीए में विलय को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अब देखना यह होगा कि संजय राउत और राहुल गांधी की मुलाकात राजनीति के गलियारों में कितनी सरगर्मी बढ़ाती है।