
प्रफुल्ल शर्मा, आईआईएमटी न्यूज
दिल्ली। लोकसभा में वक्फ़ संशोधन बिल हुआ पारित, आज राज्यसभा में हो गया पेश, लोकसभा में बुधवार को 12 घंटे की लंबी चर्चा के पश्चात वक्फ़ संशोधन बिल पारित हो गया। रात 2 बजे हुई वोटिंग में कुल 520 सांसदों ने हिस्सा लिया था जिसमें से 288 सांसदो ने वक्फ़ बिल का समर्थन किया वही 232 सांसद वक्फ बिल के विपक्ष में रहे, समर्थन में आने वाले दलो की सूची में एनडीए के घटक दल टीडीपी, जदयू और लोजपा है।
केबिनेट एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि इस बिल को ‘उम्मीद’ यानी यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट कहा जाएगा, अब ये बिल गुरुवार को राज्यसभा में पेश हो गयी है, जहाँ ये देखना दिलचस्प होगा कि ये उम्मीदों पर खरा उतरता है या सिर्फ हवा-हवाई साबित होता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ़ बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रमों को लेकर विपक्ष पर करारा हमला बोला और कहा कि इस बिल के पारित होने से बेरोजगार मुसलमानों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, वक्फ बिल के विकास से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे मुसलमानों की आर्थिक स्थिति में सुधार भी होगा।
वक्फ बिल का पास होना मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नहीं आ रहा रास विधेयक के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की तैयारी
सवाल ये की अब वक्फ बिल है क्या? वक्फ बोर्ड एक ऐसी संस्था है जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों को जोड़ने का कार्य करती है। बोर्ड का मुख्य कार्य मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों की देखभाल करना और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें सही तरीके से उपयोग किया जाए वक्फ़ बोर्ड का गठन मुस्लिम वक्फ अधिनियम, 1954 के तहत किया गया था। यह अधिनियम मुस्लिम संपत्तियों के प्रबंधन और विकास के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है, जिसके उपर अब संसद में बहस छिड़ी हुई है और अब यह बड़ी चर्चा का विषय बन गयी है।